नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में चल रही अंदरूनी खींचतान दूर करने के लिए बनाई गई तीन सदस्यों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है। मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत और जेपी अग्रवाल की इस कमेटी ने बताया जा रहा है कि अपनी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह की तरफदारी की है। कमेटी ने कहा है कि मुख्यमंत्री के कामकाज के तरीके से विधायकों की नाराजगी है, लेकिन उनके खिलाफ कोई बगावत जैसी बात नहीं है।
बताया जा रहा है कि चार पन्नों की इस रिपोर्ट में प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की सिफारिश की गई है। हालांकि कैप्टेन अमरिंदर सिंह हर हाल में सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखना चाहते हैं। इस रिपोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू की अहमियत बताई गई है लेकिन यह साफ कर दिया गया है कि उनको प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। सिद्धू खेमे की शिकायतों को देखते हुए उन्हें अहम जिम्मेदारी देने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया गया है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि सिद्धू, कैप्टन के अधीन काम नहीं करना चाहते इस बात का भी इसमें जिक्र है। गौरतलब है कि पंजाब के कांग्रेसी विधायकों, सांसदों और अहम नेताओं के साथ तीन सदस्यों की कमेटी ने कई दिन तक बातचीत की और उसके आधार पर पंजाब कांग्रेस के जल्दी पुनर्गठन की सिफारिश की है। दलितों और हिंदुओं के बीच तालमेल बना कर चलने की बात भी इसमें की गई है। दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की सिफारिश भी इस रिपोर्ट में की गई है।
पंजाब पर कमेटी ने सोनिया को रिपोर्ट दी
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