
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति, सीडब्लुसी की बैठक में पार्टी के नेताओं को दो टूक सलाह दी। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि एकजुट होकर और बिना किसी स्वार्थ के काम करने से ही पार्टी को सक्षम बनाया जा सकेगा। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर की तैयारियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि पार्टी उदयपुर में नवसंकल्प को अपनाएगी। उन्होंने पार्टी के नेताओं को संदेश देते हुए कहा- पार्टी फोरम पर आत्मालोचना की जरूरत है लेकिन यह इस तरह से नहीं हो कि आत्मविश्वास और मनोबल गिरे और निराशा का माहौल व्याप्त हो जाए।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य नेता शामिल हुए। इस बैठक में नवसंकल्प शिविर के लिए बनाए गए इम्पावर्ड ग्रुप ओर से अलग-अलग विषयों पर तैयार दस्तावेजों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही भविष्य की रणनीति भी बातचीत के एजेंडे में रही।
बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा- आपको याद होगा कि पिछले बैठक के अंत में मैंने कहा था कि हम जल्दी ही एक चिंतन शिविर का आयोजन करेंगे। हम 13, 14 और 15 मई को उदयपुर में मिल रहे हैं, इस शिविर में हमारे करीब चार सौ सहयोगी शामिल होंगे, इसमें से ज्यादा संगठन या सरकार में पद पर रहने वाले लोग हैं। हमने हर दृष्टि से संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- हमारा विचार-विर्मश छह समूहों में होगा जिसमें राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक न्याय, किसानों, युवाओं और संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि कार्य समिति से मंजूरी मिलने के बाद हम उदयपुर नवसंकल्प को अपनाएंगे। सोनिया गांधी ने कहा- कोई जादू की झड़ी नहीं है। यह सिर्फ निस्वार्थ कार्य, अनुशासन और सामूहिक उद्देश्य की भावना है जो हमें अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा- पार्टी सभी के लिए अच्छी रही है। अब उस कर्ज को पूरी तरह से चुकाने का समय आ गया है।