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कांग्रेस का मज़बूत रहना ज़रूरी: गडकरी

ByNI Desk,
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कांग्रेस का मज़बूत रहना ज़रूरी: गडकरी
अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा चुनाव हार गए थे (1950 के दशक में) लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू उनका सम्मान करते थे। इसलिए, एक लोकतंत्र में विपक्षी पार्टी की भूमिका बेहद अहम है। मैं दिल से कामना करता हूं कि कांग्रेस मज़बूत बनी रहे। आज जो कांग्रेस में हैं उन्हें पार्टी के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए पार्टी में बने रहना चाहिए। उन्हें हार से निराश न होते हुए काम करना जारी रखना चाहिए।" केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने कहा है कि क्षेत्रीय पार्टियों को विपक्ष की जगह लेने से बचाने के लिए कांग्रेस का मज़बूत होना ज़रूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के सभी नेताओं से पार्टी के साथ बने रहने और कांग्रेस के लिए प्रतिबद्धता बनाए रखने को भी कहा। अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की ख़बर के मुताबिक, पुणे में आयोजित जर्नलिज़म अवॉर्ड शो के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने ये भी कहा कि वो "प्रधानमंत्री पद" की दौड़ में शामिल नहीं हैं। कार्यक्रम में सवाल-जवाब के सत्र के दौरान नितिन गडकरी ने कहा, "मैं एक राष्ट्रीय नेता हूं और अब इस पड़ाव पर वापस महाराष्ट्र की राजनीति में आने में मेरी दिलचस्पी नहीं है। एक समय था जब मैं केंद्र की राजनीति में नहीं जाना चाहता था, लेकिन मैं अब वहां खुश हूं। मैं सिद्धांतों पर राजनीति करता हूं न कि महत्वकांक्षाओं के आधार पर।" उन्होंने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा चुनाव हार गए थे (1950 के दशक में) लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू उनका सम्मान करते थे। इसलिए, एक लोकतंत्र में विपक्षी पार्टी की भूमिका बेहद अहम है। मैं दिल से कामना करता हूं कि कांग्रेस मज़बूत बनी रहे। आज जो कांग्रेस में हैं उन्हें पार्टी के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए पार्टी में बने रहना चाहिए। उन्हें हार से निराश न होते हुए काम करना जारी रखना चाहिए।" Read also भाजपा को हराना कैसे मुमकिन? गडकरी ने कहा कि किसी को भी सिर्फ चुनावी हार की वजह से निराश होकर पार्टी या विचारधारा नहीं छोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा, "हर पार्टी का दिन आता है। बात ये है कि काम करते रहना है। सत्ताधारी दल और विपक्ष लोकतंत्र के दो पहियों की तरह हैं।" उन्होंने एक ऐसा वाकया भी याद किया जब 1980 के दशक में बीजेपी की ख़राब स्थिति को देखते हुए नागपुर के दिवंगत कांग्रेसी नेता डॉक्टर श्रीकांत जिचकर ने उन्हें भगवा पार्टी छोड़ने की सलाह दी थी। गडकरी ने कहा, "फिर भी मैं अपने सिद्धांतों पर डटा रहा और बीजेपी के साथ बना रहा।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के बीच विचारों में भेद हो सकता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि वे दुश्मन हैं।
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