नई दिल्ली। अदानी समूह को लेकर हुए नए खुलासे के बाद कांग्रेस ने अब उद्योगपति गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या विनोद अदानी का मुद्दा सेबी और ईडी से जांच कराने लायक नहीं है? पहले हिंडनबर्ग रिसर्च में विनोद अदानी पर कई आरोप लगाए गए थे। अब ‘फोर्ब्स’ की एक रिपोर्ट में भी विनोद अदानी की वित्तीय गतिविधियों को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
इसे लेकर कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या उद्योगपति गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी से जुड़ा मामला भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड यानी सेबी और प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच के लायक नहीं है, जबकि वह इस कारोबारी समूह से जुड़े वित्तीय लेन-देन के केंद्रबिंदु में रहे हैं? इसके साथ ही कांग्रेस के जयराम रमेश ने ‘हम अदानी के हैं कौन’ शृंखला के तहत पिछले कुछ दिनों की तरह रविवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन सवाल किए।
उन्होंने कहा- अदानी समूह ने गत 29 जनवरी को कहा कि विनोद अदानी की अदानी समूह की किसी सूचीबद्ध इकाई अथवा उसके स्वामित्व वाली कंपनी में प्रबंधकीय भूमिका नहीं है और रोजमर्रा के काम में उनका कोई दखल नहीं है। आज का हमारा सवाल इस समूह की स्पष्ट गलतबयानी से जुड़ा है। रमेश ने कहा कि विनोद अदानी के मामले में अदानी समूह झूठ बोल रहा है। उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि विनोद अडानी विदेशी फर्जी कंपनियों के एक ऐसे विशाल भंवरजाल पर नियंत्रण रखता है, जिन्होंने सामूहिक रूप से अदानी की अनेक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध और निजी संस्थाओं में अरबों डॉलर का निवेश किया है। उन्होंने दावा किया कि यह निवेश अक्सर ऐसे सौदों में संबंधित पार्टी और सौदे की प्रकृति को उद्घाटित किए बगैर किया है।