बेंगलुरू। कर्नाटक में चुनाव से पहले सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण कराने का प्रयास कर रही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने बेहद विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि टीपू सुल्तान के समर्थकों को जिंदा नहीं रहना चाहिए। इससे पहले भी वे कह चुके हैं कि अगला चुनाव सावरकर बनाम टीपू सुल्तान की विचारधारा पर होगा। कतील ने बुधवार को एक सभा में कहा- टीपू सुल्तान के सभी उत्साही अनुयायियों को जिंदा नहीं रहना चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा- टीपू सुल्तान के वंशजों को खदेड़ कर जंगलों में भेज देना चाहिए।
उन्होंने एक एक जनसभा में कहा- हम भगवान राम और हनुमान के भक्त हैं। हम टीपू सुल्तान के वंशज नहीं हैं। हमने टीपू के वंशजों को वापस भेज दिया है। इसलिए मैं येलाबुरगा के लोगों से पूछता हूं कि क्या वह हनुमान की पूजा करेंगे या फिर टीपू सुल्तान के भजन गाएंगे? कतील ने आगे कहा- राज्य के लोगों को सोचना चाहिए कि वे भगवान राम और हनुमान के भक्तों को चाहते हैं या फिर टीपू के वंशजों को। मैं भगवान हनुमान की धरती से चुनौती देता हूं कि जो लोग टीपू को प्यार करते हैं, उन्हें यहां नहीं रहना चाहिए। जो लोग भगवान राम के भजन गाते हैं और भगवान हनुमान के समर्थक हैं, वहीं यहां रहने चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों कतील ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया था कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव टीपू बनाम सावरकर पर लड़ा जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था- उन्होंने टीपू जयंती मनाने की अनुमति दी, जिसकी जरूरत नहीं थी। वहीं, पार्टी ने सावरकर के बारे में अपमानजनक बातें की। इससे पहले 2018 के कर्नाटक चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीपू सुल्तान बनाम हनुमान बहस की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक हनुमान की भूमि है, जिस पर तत्कालीन विजयनगर साम्राज्य का शासन था।