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दिल्ली मेयर के चुनाव से पहले विवाद

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नगर निगम के मेयर का चुनाव शुक्रवार को होगा। उससे पहले आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच विवाद शुरू हो गया है। राज्य सरकार और दिल्ली के उप राज्यपाल के बीच भी विवाद छिड़ गया है। उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को होने वाले दिल्ली नगर निगम के मेयर के चुनाव के लिए भाजपा की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है, जबकि दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम का प्रस्ताव उप राज्यपाल को भेजा था।

भाजपा पार्षद सत्या शर्मा पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल 1997 से पार्षद हैं और इस समय दिल्ली नगर निगम में सबसे पुराने पार्षद हैं। गौरतलब है कि पीठासीन अधिकारी का काम होगा कि शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम में मेयर का चुनाव करवाए। आम आदमी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने इसका विरोध करते हुए ट्विट किया है कि, यह परंपरा है कि सदन के वरिष्ठतम सदस्य को प्रोटेम स्पीकर या पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित किया जाता है। लेकिन भाजपा सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों को नष्ट करने पर तुली हुई है।

गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम में 135 सीटें जीत कर आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है। नगर निगम की ढाई सौ सीटों में से भाजपा को सिर्फ 104 सीट मिली है और कांग्रेस ने नौ सीटें जीती हैं। सांसदों और वोट देने के लिए मनोनीत विधायकों की संख्या जोड़ कर भी आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत है। आप ने शैली ओबेरॉय को मेयर का उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने रेखा गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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