नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते केसेज और नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के प्रसार को लेकर केंद्र सरकार ने देश के लोगों को आगाह किया है। केंद्र ने कहा है कि बहुत से लोग ओमिक्रॉन को सामान्य सर्दी-जुकाम मान रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं समझना चाहिए। सरकार ने यह भी बताया कि देश में दो हफ्ते में कोरोना के फैलने की दर एक फीसदी से बढ़ कर 11 फीसदी हो गई है। यानी 14 दिन में संक्रमण दर में 11 गुना बढ़ोतरी हुई है। कोरोना के संक्रमित मरीजों की 24 घंटे में मिली संख्या दो लाख पहुंच गई है और एक्टिव केसेज की संख्या 10 लाख का आंकड़ा पार गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान देश में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि 30 दिसंबर को देश में 1.1 फीसदी संक्रमण दर थी, जो 12 जनवरी को 11.05 फीसदी हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि तेजी से नए मामले बढ़ने का यह ट्रेंड भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है। अग्रवाल ने यह भी कहा कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से दुनिया में 115 मौतें हुई हैं और भारत में इस वैरिएंट से एक व्यक्ति की जान गई।
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उन्होंने कहा कि अच्छी खबर यह है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से खतरनाक डेल्टा वैरिएंट की जगह ले रहा है। यह अच्छा इसलिए है क्योंकि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन संक्रमित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बेहद कम रही है। अग्रवाल ने कहा- तीसरी लहर में आठ राज्य परेशानी का सबब बने हुए हैं, जहां संक्रमण की दर बहुत ऊंची है। ये राज्य महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात हैं। इनमें सबसे ज्यादा 32.18 फीसदी संक्रमण दर बंगाल में है। इसके बाद दिल्ली में 26 फीसदी और महाराष्ट्र में ये दर 23 फीसदी है। चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में 5.71 फीसदी संक्रमण दर है। देश के करीब तीन सौ जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच फीसदी से ज्यादा है।
अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ कोरोना के हालात पर बैठक के बाद अस्पताल में भर्ती मरीजों को छुट्टी देने के नियमों को बदला गया है। अब हल्के मामलों में संक्रमित होने के सात दिन बाद और साधारण मामलों में तीन दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकता है और इससे पहले टेस्ट की जरूरत नहीं है। सामान्य संक्रमण वाले मामलों में अगर लक्षण घट रहे हों और तीन दिन तक मरीज का ऑक्सीजन लेवल 93 फीसदी हो तो उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने चेतावनी दी कि ओमिक्रॉन को कुछ लोग कॉमन कोल्ड या फीवर समझकर लापरवाही कर रहे हैं। यह खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा- इसकी रफ्तार धीमी रखना हम सभी की जिम्मेदारी है, जिसके लिए मास्क पहनना और वैक्सीन लगवाना ही इकलौता उपाय है।