नई दिल्ली। कोरोना वायरस के जिस नए वैरिएंट ने इस समय पूरे चीन में तबाही मचा रखी है वह वैरिएंट पहले ही भारत आ चुका है। भारत में अब तक इसके चार मामले मिले हैं और इलाज के बाद चारों ठीक हो चुके हैं। चीन में कहर बरपाने वाले बीएफ-7 वैरिएंट से संक्रमित किसी मरीज की जान नहीं गई है। जानकार सूत्रों के मुताबिक भारत में यह वैरिएंट सबसे पहले जुलाई में आया था उसके बाद सितंबर और नवंबर में भी इसके केस मिले हैं। गौरतलब है कि ओमिक्रॉन के म्यूटेशन वाले इस वैरिएंट से चीन में बड़ी संख्या में केसेज आ रहे हैं और पूरी दुनिया की चिंता बढ़ी हुई है।
बहरहाल, आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग करने वाली भारत की संस्था इंडियन सार्स-सीओवी-2 कंसोर्सियम ऑन जीनोम, इनसकॉग से मिली जानकारी के मुताबिक बीएफ.7 वैरिएंट के चार केस भारत में मिले हैं। गुजरात और ओड़िसा में इस वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिले। भारत में इस सब वैरिएंट का पहला केस जुलाई में आया था। सितंबर में दो केस मिले और नवंबर में एक मामला मिला है। गौरतलब बीएफ.7 मूल रूप से बीए.5 से निकला वैरिएंट है।
बताया जा रहा है कि, गुजरात के वडोदरा शहर के सुभानपुरा क्षेत्र में रहने वाली 61 साल की एक महिला 11 सितंबर 2022 को अमेरिका से आई थी और उन्हें 18 सितंबर को कोरोना संक्रमित पाया गया। उन्होंने फाइजर वैक्सीन की तीन डोज ली थी और होम आइसोलेशन में थी। महिला का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए गांधीनगर भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट अब आई है। उनके संक्रमण का कारण बीएफ.7 वैरिएंट है। लेकिन उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है।
कोरोना संक्रमण से जुड़ी गाइडलाइन के अनुसार, कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद महिला के नजदीकी संपर्क में आए लोगों की भी जांच कराई गई, लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। बहरहाल, इस वैरिएंट के बारे में बताया जा रहा है कि इसका जन्म ऐसे म्यूटेशन से हुआ है कि इसके ऊपर एंटीबॉडी काम नहीं कर पा रही है। इसलिए जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है या जिनको पहले कोरोना हो चुका है और उनके भी इसका संक्रमण हो रहा है। इसका रिप्रोडक्शन रेट भी बहुत ज्यादा है और कहा जा रहा है कि इस वैरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है।