नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना वायरस की महामारी और वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस करके केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए प्रधानमंत्री की नौटंकी जिम्मेदार हैं। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री कोरोना को समझ ही नहीं पाए। उन्होंने दावा किया कि देश में जो लोगों के मरने की जो दर बताई गई वह भी झूठ है। सरकार को सच बोलना चाहिए।
राहुल ने कहा- सरकार समझ नहीं रही कि वह किससे मुकाबला कर रही है। इस वायरस के म्यूटेशन के खतरे को समझना चाहिए। आप पूरे ग्रह को खतरे में डाल रहे हैं। क्योंकि आप 97 फीसदी आबादी पर वायरस का हमला होने दे रहे हैं और सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीके लगाए गए हैं। कांग्रेस शासित राज्यों में मौत के आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा- मैंने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की। मैंने उनसे कहा कि झूठ बोलने से उन्हें ही नुकसान होगा। मौतों के वास्तविक आंकड़े डिस्टर्ब कर सकते हैं लेकिन हमें सच ही बोलना चाहिए।
राहुल ने यह भी कहा कि भारत को दुनिया की फार्मेसी के तौर पर जाना जाता है। लेकिन मोदी सरकार के आपराधिक कुप्रबंधन और वैक्सीन की गड़बड़ियों से आम भारतीयों का जीवन खतरे में पड़ गया है। उन्होंने कहा- अब वक्त आ गया है कि झूठ, धुंधले परदे और अक्षम सरकार के दिखावे से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री और सरकार से जवाब मांगा जाए। वे अपने कर्तव्य भूल गए हैं और उन्होंने जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंट मैनेजर बताते हुए राहुल ने कहा- प्रधानमंत्री स्ट्रैटेजिकली नहीं सोचते। वे एक इवेंट मैनेजर हैं। वे एक बार में एक ही इवेंट के बारे में सोचते हैं। उन्होंने कहा- तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सिर्फ वैक्सीनेशन ही बचाव है। लेकिन मोदी सरकार की वैक्सीनेशन स्ट्रैटजी कुप्रबंधन और गलतियों का खतरनाक कॉकटेल हो चुकी है। हमारी सरकार ने वैक्सीनेशन की योजना को लेकर अपना कर्तव्य भूल चुकी है। राहुल ने कहा- सरकार ने जान बूझकर डिजिटल डिवाइड बनाया ताकि वैक्सीनेशन धीमी रफ्तार से हो। एक ही वैक्सीन की अलग-अलग कीमत तय करने में सरकार की मिलीभगत थी।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि दूसरे देशों ने मई 2020 में ही वैक्सीन खरीद के ऑर्डर देने शुरू कर दिए थे। लेकिन मोदी सरकार ने भारत को नाकाम कर दिया। उसने वैक्सीन का पहला ऑर्डर जनवरी 2021 में दिया। सार्वजनिक जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार और राज्य सरकारों ने 140 करोड़ की आबादी और 18 साल से ऊपर के 94.50 करोड़ लोगों के लिए अब तक सिर्फ 39 करोड़ डोज ऑर्डर किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रमुख देशों में भारत की पर कैपिटा डोज खरीद सबसे कम है।
पीएम की नौटंकी से दूसरी लहर: राहुल
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