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Corona Update: छह राज्यों में संक्रमण की चिंता, टीके के बावजूद इस वैरियंट से खतरा

ByNI Desk,
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Corona Update: छह राज्यों में संक्रमण की चिंता, टीके के बावजूद इस वैरियंट से खतरा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संक्रमण लगभग पूरे देश में एक समान रूप से कम हो गया है लेकिन छह राज्यों में हर दिन मिलने वाले संक्रमितों की संख्या और संक्रमण की दर चिंता की बात है। देश में सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के चार राज्यों के साथ साथ पश्चिम बंगाल को लेकर चिंता बनी हुई है। ओड़िशा में भी हर दिन मिलने वाले संक्रमितों की संख्या औसत से काफी ज्यादा है। अगर संख्या के लिहाज से देखें तो देश में गुरुवार को मिले कुल मामलों में करीब 80 फीसदी मामले इन छह-सात राज्यों के ही हैं। मरने वालों की संख्या में भी सबसे ज्यादा हिस्सा इन राज्यों का है। ओड़िशा में हालांकि मृत्यु दर बाकी राज्यों से कम है। ( corona concerns) बुधवार को अचानक देश में संक्रमण से मरने वालों की संख्या छह हजार से ज्यादा हो गई। ऐसा बिहार की वजह से हुआ, जिसने अपने यहां मरने वालों का आंकड़ा एडजस्ट किया था। यानी पहले जिन मौतों की संख्या नहीं जोड़ी गई थी उन्हें जोड़ा गया। इसलिए बिहार में बुधवार को अचानक 3,951 मौतों की खबर आई। पिछले कई दिनों तक महाराष्ट्र ने भी अपने यहां पहले हुई मौतों की संख्या को ताजा आंकड़ों में एडजस्ट किया। बुधवार के अपवाद के छोड़ें तो अब संक्रमण से मरने वालों की संख्या दो हजार के आसपास रह रही है और संक्रमितों की संख्या एक लाख से नीचे रह रही है। देश में अब एक्टिव केसेज की संख्या 11 लाख के करीब रह गई है।बहरहाल, गुरुवार को खबर लिखे जाने तक देश में 84 हजार के करीब केसेज आए थे। देर रात तक छत्तीसगढ़, गुजरात, बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और असम सहित कई राज्यों के आंकड़े अपडेट नहीं हुए थे। इनके आंकड़े आने के बाद भी संक्रमितों की संख्या में और इजाफा होगा। खबर लिखे जाने तक पूरे देश में 1,707 लोगों के मरने की खबर आई थी। गुरुवार को देश के सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र में 12,207 नए मामले आए और 393 लोगों की मौत हुई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 24 घंटे में 305 संक्रमित मिले और 44 लोगों की मौत हुई। ( corona concerns) राजस्थान में गुरुवार को 538 नए मामले आए और 23 लोगों की मौत हुई। मध्य प्रदेश में 420 नए केसेज मिले और 34 लोगों की मौत हुई। पश्चिम बंगाल में 5,274 नए केसेज मिले और 87 लोगों की मौत हुई। ओड़िशा में 6,097 नए संक्रमित मिले और 44 लोगों की मौत हुई। जम्मू कश्मीर में 1,117 नए मरीज मिले और 25 लोगों की संक्रमण से मौत हुई। देश के दूसरे सबसे अधिक संक्रमित राज्य कर्नाटक में गुरुवार को 11,042 नए केसेज मिले और 194 लोगों की मौत हुई। तमिलनाडु में 16,813 मामले आए और 358 लोगों की मौत हुई। केरल में 14,424 नए मामले आए और 194 लोगों की मौत हुई और आंध्र प्रदेश में 8,110 नए संक्रमित मिले और 67 लोगों की मौत हुई।

टीके के बावजूद डेल्टा वैरिएंट का खतरा

also read: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की घोषणा, MP के इन पांच शहरों में खोले जाएंगे ड्रोन स्कूल कोरोना वायरस का टीका लगवा चुके लोगों में संक्रमण होने की खबरों की जांच से पता चला है कि इनमें से ज्यादातर लोगों को डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण हुआ है। ध्यान रहे भारत में इतनी खतरनाक दूसरी लहर के लिए यह वैरिएंट ही जिम्मेदार है। पहली बार यह वैरिएंट भारत में ही मिला था। ब्रिटेन सहित दुनिया के कई और देशों में इस वैरिएंट के केसेज मिलने से वहां चिंता बढ़ी है। असल में वैक्सीन लगवा चुके लोगों के संक्रमित होने की खबरों के बीच दिल्ली एम्स ने एक अध्ययन किया है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों में संक्रमण के ज्यादातर मामलों के पीछे कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट यानी बी.1.617.2 है। कोरोना का यह स्ट्रेन वैक्सीन की एक या दोनों डोज लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है। हालांकि राहत की बात यह रही कि ज्यादातर लोगों में सिर्फ तेज बुखार जैसे लक्षण दिखे। किसी को भी गंभीर बीमारियों से नहीं जूझना पड़ा। एम्स के अध्ययन में 63 लोगों को शामिल किया, जिन्हें वैक्सीन लगने के बाद कोरोना संक्रमण हुआ था। इनमें 36 ऐसे लोग थे, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थी और 27 लोगों ने सिर्फ एक डोज ली थी। इनमें 10 लोगों को कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड और 53 को कोवैक्सीन लगाई गई थी। एम्स के मुताबिक ये सभी 63 लोग वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित तो हो गए थे, लेकिन इनमें एक की भी मौत नहीं हुई। इनमें से ज्यादातर लोगों को पांच से सात दिनों तक बहुत ज्यादा बुखार रहा था। इस अध्ययन में पता चला कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले 63 फीसदी लोगों को डेल्टा वैरिएंट ने संक्रमित किया, जबकि एक डोज लेने वाले 77 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट पाया गया। एम्स की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की रूटीन टेस्टिंग के लिए जमा किए गए नमूनों का ही अध्ययन किया गया था। इनमें बहुत ज्यादा बुखार, सांस लेने में तकलीफ और सिरदर्द की समस्या पाई गई थी। ( corona concerns)
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