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डेल्टा से खतरनाक ओमिक्रॉन

ByNI Desk,
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डेल्टा से खतरनाक ओमिक्रॉन
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर पूरी दुनिया में चिंता बढ़ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लुएचओ ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है। इससे पहले कोरोना के एक दर्जन वैरिएंट मिले हैं, जिनमें से एकाध को छोड़ कर बाकी वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की श्रेणी में थे। लेकिन ओमिक्रॉन को वैरिएंट पर कंसर्न माना गया है। इसका कारण यह है कि वायरस के इस स्वरूप को सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। गौरतलब है कि डेल्टा वैरिएंट ने ही दूसरी लहर में भारत में तबाही मचाई थी। dangerous omicron from delta बहरहाल, ओमिक्रॉन वैरिएंट बड़ी तेजी से फैल रहा है और इस वजह से यूरोप और अमेरिका सहित ज्यादातर देशों ने अफ्रीका देशों से उड़ानें बंद करनी शुरू कर दी है। इस वैरिएंट के बारे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं, जबकि अभी तक इसका पूरी तरह से अध्ययन नहीं हुआ है। इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले छह से सात गुना तेजी से फैल रहा है। दक्षिण अफ्रीका में दो हफ्ते पहले तक इस वैरिएंट के एक फीसदी केस मिल रहे थे, लेकिन अभी तीन प्रांतों में 90 फीसदी केस इसी वैरिएंट के हैं। इस वैरिएंट का पहला केस अफ्रीकी देश बोत्सवाना में 11 नवंबर को मिला था। अगले दो हफ्ते में दूसरे कई देशों में इस वैरिएंट के केस मिले हैं। बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका और हांगकांग में इसके केसेज मिले और शुक्रवार को इजराइल और बेल्जियम में भी इसके संक्रमित मिले हैं। इसे देखते हुए यूरोपीय संघ के सभी 27 देशों ने सात अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर रोक लगा दी है। यूरोपीय संघ के देशों के अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और नीदरलैंड ने अफ्रीकी देशों से आनी वाली उड़ानों पर पाबंदी लगा दी। अब अमेरिका, सऊदी अरब, श्रीलंका, ब्राजील सहित दूसरे कई देशों ने भी अफ्रीकी देशों की फ्लाइट बैन कर दी है। Read also एक लाख जीरो बिल लेकर पंजाब पहुंचे केजरीवाल बहरहाल, पूरी दुनिया में मची अफरा-तफरी के बीच इस बात पर भी विवाद हो गया है कि डब्लुएचओ ने इस वैरिएंट बी.1.1.529 को ओमिक्रॉन नाम क्यों दिया? विवाद कारण यह है डब्लुएचओ ने कोरोना वायरस के वैरिएंट्स का नाम ग्रीक अल्फाबेट के पहले अक्षर से रखना शुरू किया था। पहले अक्षर से अल्फा, बीटा, गामा डेल्टा आदि नाम रखे गए। अब तक डब्लुएचओ ने 12वें लेटर यानी म्यू तक नाम रखा था। इसके बाद 13वें और फिर 14वें नंबर के अल्फाबेट के आधार पर नाम रखना था लेकिन डब्लुएचओ ने सीधे 15वें लेटर के आधार पर ओमिक्रॉन नाम रखा। बीच में दो अक्षर छोड़ने का कारण यह है कि 13वां अक्षर न्यू और 14वें शी है। वायरस के वैरिएंट के नाम न्यू नहीं रखा जा सकता था इसलिए इसका नाम शी होना था। ध्यान रहे शी चीन के राष्ट्रपति का नाम है। Read also UP में गरजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कहा- सीमा लांघी तो घुसकर मारेंगे ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक, डब्लुएचओ के एक सूत्र ने बताया है कि चीनी प्रधानमंत्री के नाम से समानता होने के कारण नए वैरिएंट का नामकरण शी अक्षर के नाम पर नहीं किया गया है। इसे लेकर अमेरिकी सांसद टेड क्रूज ने डब्लुएचओ की विश्वसनीयता पर भी  सवाल उठाया है। क्रूज ने कहा है- अगर डब्लुएचओ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से इतना डरता है, तो एक भयानक महामारी के समय हम इस स्वास्थ्य एजेंसी पर कैसे भरोसा कर सकते हैं।
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