
नई दिल्ली। पूरे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 16 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है लेकिन टेस्टिंग लगातार कम होती जा रही है, जिसकी वजह से संक्रमितों की संख्या कम दिख रही है। दिल्ली से लेकर मुंबई और लगभग सभी राज्यों में टेस्टिंग में बड़ी कमी की गई है। ऐसा इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर के नए दिशा-निर्देशों की वजह से हो रहा है। आईसीएमआर ने बिना लक्षण वाले संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की टेस्टिंग की अनिवार्यता खत्म कर दी है। इसके अलाव भी आईसीएमआर ने कई मामलों में टेस्टिंग की अनिवार्यता खत्म कराई है, जिससे टेस्ट कम हो रहे हैं। corona virus infection increasing
आमतौर पर सप्ताहांत में टेस्टिंग कम होती है लेकिन वह शनिवार और रविवार को होता है। इस बार सप्ताह के बीच में ही टेस्टिंग कम कर दी गई है। बुधवार को 18.86 लाख टेस्ट हुए थे, जो गुरूवार को कम होकर 17.87 लाख रह गए और शुक्रवार को सिर्फ 16.13 लाख ही टेस्ट हुए। इसके उलट इन तीनों दिन संक्रमण की दर बढ़ गई। बुधवार को देश में संक्रमण की दर 13.11 फीसदी थी, जो गुरूवार को 14.78 हुई और शुक्रवार को बढ़ कर 16.66 फीसदी तक पहुंच गई।
देश भर में संक्रमण दर बढ़ने के बावजूद टेस्टिंग कम होने की एक बड़ी वजह आईसीएमआर की नई गाइडलाइन है। ध्यान रहे दूसरी लहर के दौरान सरकार टेस्टिंग पर जोर दिया था और कांटेक्ट ट्रेसिंग भी हो रही थी। लेकिन इस बार आईसीएमआर ने संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सिर्फ उन्हीं लोगों की टेस्टिंग अनिवार्य की है, जिनमें कोरोना संक्रमण से जुड़ा कोई लक्षण हो या जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो या फिर उम्र 60 साल से अधिक हों। यहां तक होम आइसोलशन में रहने वाले संक्रमितों के लिए भी तीन दिन तक लगातार बुखार नहीं आने की स्थिति में सातवें दिन कोरोना मुक्त मानने का प्रावधान कर दिया गया है और इसके लिए कोई टेस्टिंग की जरूरत भी नहीं है।