चंडीगढ़। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की पंजाब इकाई ने अमरिंदर सरकार की ओर से बिजली की दरों में लगातार वृद्धि किये जाने की निंदा करते हुये इसे वापस लेने की मांग की है । पार्टी के सचिव बंत सिंह बराड ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पौने तीन साल के राज में बारहवीं बार बिजली की दरों में वृद्धि करके रिकार्ड कायम किया है ।
उन्होंने कहा कि बिजली की दरों में तीस पैसे की वृद्धि करके मंहगाई का सामना कर रहे लोगों पर और बोझ डाल दिया है । उन्होंने कहा कि बिजली की दरें टैक्स लगाकर 38 पैसे तक मंहगी हो जायेगी । केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण लोगों की बेरोजगारी तथा मंहगाई का सामना करना पड़ रहा है । पंजाब में बिजली के निरंतर रेट बढ़ाये जाने से लोगों पर बेवजह बोझ पड़ेगा ।
बराड ने कहा कि पिछली अकाली -भाजपा सरकार ने बिजली संयंत्रों को निजी कंपनियों को देकर लोगों को लूटा और अब कैप्टन सरकार भी निजी मालिकों के दबाव में बिजली मंहगी कर रही है । जिसके कारण 1490 करोड़ का बोझ पंजाब के लिये अहितकर है । उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में रेत बजरी तथा नशा माफिया को काबू करने के बजाय कांग्रेस सरकार उसे बढ़ावा दे रही है ।
कई स्थानों पर पुलिसकर्मी भाकपा नेताओं तथा कार्यकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज कर फंसा रहे हैं । सीटू के जलालाबाद जिला प्रधान रेत माफिया के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं इसलिये उन्हें झूठे केस में जेल में डाला गया है । उन्होंने सरकार को आगाह किया कि यदि सरकार इसी तरह मनमानी करती रही तो पार्टी आंदोलन छेड़ेगी । उधर ,अकाली दल तथा भाजपा ने भी बिजली की दरों में वृद्धि की निंदा की है । ये दरें एक जनवरी से लागू होंगी ।