गया। तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने चीन और उसके राष्ट्रपति शी जिनफिंग से नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि चीन ने बौद्ध धर्म को नुकसान पहुंचाया है। दलाई लामा ने कहा- चीन में बने हमारे बौद्ध विहार को तोड़ा गया। हमारे लोगों को जहर तक दिया गया। बोधगया में शनिवार को एक कार्यक्रम में धर्मगुरु दलाई लामा ने यह बयान दिया।
चीन की सरकार पर अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा- बौद्ध धर्म को नुकसान पहुंचाने के लिए चीन ने हरसंभव कोशिश की। बहुत हद तक हमारी चीजों को नष्ट कर दिया। बावजूद इसके बौद्ध धर्म अपनी जगह पर खड़ा है। गौरतलब है कि दलाई लामा तीन दिन से कालचक्र मैदान में टीचिंग प्रोग्राम में प्रवचन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन में भी बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग बड़ी संख्या में हैं। चीन सरकार ने एक हजार से ज्यादा लोग जो बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखते थे उन्हें समय-समय पर नष्ट कर दिया।
दलाई लामा ने कहा- किसी के नुकसान पहुंचाने से किसी का धर्म खतरे में नहीं पड़ता। आज भी चीन में बौद्ध धर्म के अनुयायी, बौद्ध धर्म से जुड़े लोग, भिक्षु लामा भगवान बुद्ध की प्रार्थना में लीन हैं। पूजा कार्यक्रम के तहत दलाई लामा ने 21 आर्य तारा की प्रार्थना आराधना साधना के सूत्र बताए। दलाई लामा ने बोधिचित्त के बारे में बताया। तीसरे दिन भी उन्होंने कहा कि परहित ही सबसे बड़ा धर्म है। दूसरों के प्रति भावना रखें। बुद्ध की आराधना करें।