नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार की विधायी एवं कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित विधायी मुद्दे पर पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ की सुनवाई टाल दी है।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़़ (Justice D.Y. Chandrachud) और न्यायमूर्ति हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ा दिया। मेहता ने कहा कि वह विदेश यात्रा के कारण नौ नवंबर को उपलब्ध नहीं रहेंगे। पीठ ने इसके बाद मामले में आगे की सुनवाई की तारीख 24 नवंबर तय की।
शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर को कहा था कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में एक संविधान पीठ मामले में नौ नवंबर से दैनिक आधार पर सुनवाई शुरू करेगी। संविधान पीठ में शामिल अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एम. आर. शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा शामिल हैं।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त को कहा था कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार की विधायी और कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित कानूनी मुद्दे की सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में एक संविधान पीठ का गठन किया गया है।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुद्दा छह मई को संविधान पीठ को स्थानांतरित कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित कुछ सीमित मुद्दों को संविधान पीठ देखती है जिसमें सभी वैधानिक सवालों का विस्तार से निपटारा किया जाता है। (भाषा)
दिल्ली-केंद्र विवाद पर अब 24 नवंबर को सुनवाई
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