नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस काे नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़की हिंसा के दौरान घायल हुए सभी लोगों की सुरक्षा और इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
घायलों को तुरंत उचित मेडिकल सुविधा मुहैया कराने और उन्हें अस्पतालों तक सुरक्षित पहुंचाने की अपील को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं जो बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं जा पा रहे हैं।
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की खंडपीठ ने याचिका पर तत्काल सुनवाई के बाद दिल्ली पुलिस को सभी घायलों को इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों तक सुरक्षित मार्ग मुहैया कराने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि इस स्तर पर सबसे बड़ी चिंता घायलों की सुरक्षा तथा यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें जीटीबी अस्पताल, एलएनजेपी अस्पताल या मौलाना आजाद अथवा किसी अन्य सरकारी अस्पताल में पहुंचने के लिए सुरक्षित मार्ग मिल सके।
न्यायालय ने कहा कि आदेश को दिल्ली में गुरु तेग बहादुर और लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को प्रेषित किया जाए और अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा जाये। गौरतलब है कि सीएए को लेकर सोमवार को भड़की हिंसा के कारण दिल्ली में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गयी और 200 से अधिक लोग घायल हो गये हैं।
हाई कोर्ट का घायल लोगों की सलामती सुनिश्चित करने का निर्देश
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