Election of deputy speaker नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा गठित हुए दो साल से ज्यादा हो गए लेकिन अभी तक लोकसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ है। इसे लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिस पर अदालत ने बुधवार को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया। इस जनहित याचिका में संवैधानिक पदाधिकारियों को गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह ने याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल चेतन शर्मा से कहा- हम नोटिस जारी नहीं कर रहे...निर्देश लें। इस तरह अदालत ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए थोड़ा और वक्त दे दिया है। अदालत इस मामले में अब 30 सितंबर को सुनवाई करेगी।
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इस जनहित याचिका में लोकसभा अध्यक्ष को उपाध्यक्ष पद पर चुनाव कराने के लिए कोई भी नजदीक की तारीख तय करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता पवन रेले ने कहा है कि उपाध्यक्ष का पद दो साल से अधिक समय से खाली है जो संविधान के अनुच्छेद 93 का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने कहा है- उपाध्यक्ष का पद खाली हुए 830 दिन बीत गए हैं। यह बहुत गंभीर मामला है। याचिका में कहा गया है कि उपाध्यक्ष का निर्वाचन नहीं कराने का किसी भी प्राधिकारी को अधिकार नहीं दिया गया है और लोकसभा में कामकाज और प्रक्रिया के नियमों के नियम आठ के तहत लोकसभा अध्यक्ष का यह कर्तव्य है कि वे उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए तारीख निर्धारित करें।
लोकसभा उपाध्यक्ष मामले में जवाब तलब
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