जम्मू। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया है। उन्होंने इसे झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा है कि दावा सैकड़ों लोगों के मारे जाने का किया गय लेकिन कोई सबूत नहीं दिया गया। बाद में कांग्रेस पार्टी ने पुलवामा कांड का मुद्दा भी उठाया और कहा कि पुलवामा में तीन सौ किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा?
हालांकि बाद में कांग्रेस ने दिग्विजय के बयान से खुद को अलग कर लिया। कांग्रेस महासचिव और संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि यह कांग्रेस का नहीं, दिग्विजय सिंह का निजी बयान है। रमेश ने कहा कि 2014 से पहले यूपीए सरकार के समय भी सर्जिकल स्ट्राइक हुए थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित में सभी सैन्य कार्रवाइयों का कांग्रेस ने समर्थन किया है और आगे भी समर्थन करेगी।
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर सोमवार को सवाल उठाया। उन्होंने जम्मू में कहा कि सरकार ने अब तक सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत नहीं दिया है। दिग्विजय ने कहा- केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात करती है कि हमने इतने लोग मार गिराए हैं, लेकिन सबूत कुछ नहीं है। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के साथ साथ 2019 में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीआरपीएफ पर हुए आतंकवादी हमले को लेकर भी प्रधानमंत्री को घेरा।
दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि पुलवामा हमले के वक्त सीआरपीएफ के अधिकारियों ने कहा था कि जवानों का मूवमेंट एयरक्राफ्ट से कराया जाए, पर प्रधानमंत्री नहीं माने। गौरतलब है कि 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। दिग्विजय सिंह के बयान के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने भी ट्विट करके पुलवामा कांड पर सरकार को घेरा और पूछा कि तीन सौ किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा और आतंकवादियों के साथ पकड़ा गया देविंदर सिंह कैसे छूट गया। खेड़ा ने यह भी पूछा कि पाकिस्तान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्या संबंध हैं।
बहरहाल, जम्मू कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिग्विजिय सिंह ने कहा- केंद्र ने संसद में अब तक पुलवामा हमले और सर्जिकल स्ट्राइक की रिपोर्ट नहीं दी है। भाजपा की सरकार केवल झूठ फैला रही है। हमारे 40 जवान पुलवामा में शहीद हो गए। सीआरपीएफ के डायरेक्टर ने मांग की थी कि यह संवेदनशील जोन है। जवानों को हवाई जहाज से श्रीनगर भेजा जाए, लेकिन मोदी जी ने मना कर दिया। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने जानकर ऐसा किया। दिग्विजय ने कहा- वहां हर गाड़ी की चेकिंग होती है तो फिर स्कॉर्पियो गाड़ी की जांच क्यों नहीं हुई, जिसके टकराने से ब्लास्ट हुआ।