रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पेश हुए। दिल्ली और पटना से रांची पहुंची ईडी की टीम के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। मुख्यमंत्री दोपहर करीब 12 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे। ईडी ने नौ घंटे से ज्यादा समय तक उनसे पूछताछ की। रात नौ बजे उनकी पत्नी कल्पना सोरेन उनको लेने ईडी कार्यालय पहुंचीं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने लंच भी ईडी कार्यालय में ही किया।
बहरहाल, एक हजार करोड़ रुपए के अवैध खनन के मामले में ईडी ने उनको पूछताछ के लिए बुलाया था। उनके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के घर से मिले दस्तावेजों और पंकज मिश्रा से हुई पूछताछ के आधार पर ईडी ने हेमंत सोरेन से पूछे जाने वाले सवालों की सूची तैयार की थी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री से अवैध खनन के साथ साथ धन शोधन के मामले में भी पूछताछ हुई है।
गुरुवार को ईडी कार्यालय जाने से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय एजेंसी और केंद्र सरकार दोनों पर जम कर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया और कहा कि उनको ऐसे समन भेजे जा रहे हैं, जैसे वे देश छोड़ने वाले हैं। उन्होंने केंद्र पर राज्य सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि राज्यपाल साजिश रचने वालों का साथ दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर सरकार के खिलाफ साजिश करने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
ईडी कार्यालय जाने से पहले हेमंत सोरेन ने कहा- अवैध खनन के मामले में मुझे बुलाया गया है। एक हजार करोड़ के घोटाले की जो बात आ रही है, वो कहीं से भी संभव नहीं लगती है। उन्होंने कहा- इतने बड़े घोटाले के लिए कितना खनन होगा ये सोचने की जरूरत है। यह आरोप कहीं से संभव नहीं। एजेंसी को पूरी विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने ईडी पर निशाना साधते हुए कहा- समन की ऐसी कार्रवाई चल रही है, जैसे मैं देश छोड़कर जाने वाला हूं। उन्होंने कहा कि ये सब सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है। चुनाव आयोग की ओर से भेजा गया लिफाफा आज तक राज्यपाल ने नहीं खोला। राज्यपाल सरकार गिराने की कोशिश में लगे लोगों को संरक्षण दे रहे हैं।