रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि जनजातियों के उन्नति के लिए आवश्यक है कि उनमें शिक्षा का प्रसार हो, उन्हें रोजगार के साधन मुहैया कराया जाए।
सुश्री उइके ने आज यहां वनवासी विकास समिति के प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में यह विचार व्य़क्त करते हुए कहा कि चाहे बस्तर का अबूझमाड़ हो या जशपुर हो, हर जगह पर वनवासी विकास समिति के कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं।
वे कहीं पर बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में आदिवासियों का इलाज कर रहे हैं।वनवासी विकास समिति के कार्यकर्ताओं का सेवा कार्य वाकई सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि आज विभिन्न अलगाववादी ताकतें जनजातीय समाज को खंडित करने का प्रयास कर रही हैं। कभी उनके संस्कृति और परम्पराओं पर आक्रमण हो रहा है या उनके बोली-भाषाओं पर। उन्हें अलग-अलग समूहों में बांटने की कोशिश की जा रही है। मेरा आग्रह है कि इस समिति के कार्यकर्ता जिस भी क्षेत्र में कार्य करें, वहां पर जनजातीय समाज को इन विघटनकारी ताकतों से सचेत रखें।
यह प्रयास करें कि आदिवासी समाज एकजुट रहें और अपनी मूल संस्कृति को बचाए रखें। राज्यपाल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इतनी महान संस्था कल्याण आश्रम के कार्यों की शुरूआत छत्तीसगढ़ से हुई है। यह जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत है। इस आश्रम में अध्ययनरत छात्राओं ने तीरंदाजी तथा अन्य खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल किए हैं और देश के उच्चतम स्थानों पर भी कार्यरत हैं।