नई दिल्ली। विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद चुनाव सुधार का बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया। विपक्षी पार्टियां इस बिल को संसदीय समिति को भेजने की मांग कर रही थी लेकिन सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया। मंगलवार को सरकार ने यह बिल चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश किया था, जहां विपक्ष ने इसका भारी विरोध किया और सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने इस बिल को पास करा लिया। Electoral reform bill passed
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इससे पहले लोकसभा ने इस बिल को सोमवार को ही मंजूरी दे दी थी। दोनों सदनों की मंजूरी के बाद चुनाव सुधार बिल को राष्ट्रपति के दस्तखत के लिए भेजा जाएगा। इस बिल के जरिए सरकार ने जन प्रतिनिधित्व कानून के कई प्रावधानों में बदलाव किया है। इसमें वोटर आईडी नंबर को आधार नंबर से जोड़ने का प्रावधान है।
सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से मतदाता सूची में नामों का दोहराव खत्म होगा और बोगस वोटिंग भी रोकी जा सकेगी। दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इससे मतदाता की निगरानी की जा सकेगी और गुप्त मतदान के सिद्धांत का उल्लंघन होगा। वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के अलावा इस कानून में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले युवाओं को अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए साल में चार मौके देने का भी प्रावधान है।
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