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प्रदूषण से हर चौथी मौत भारत में!

ByNI Desk,
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प्रदूषण से हर चौथी मौत भारत में!
नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण को लेकर अनजान और लापरवाह लोगों व सरकारों को चिंता में डालने वाली रिपोर्ट है। दुनिया भर में एक साल में 90 लाख लोगों की जान गई है, जिसमें 24 लाख लोग भारत में मरे हैं। इसका मतलब है कि प्रदूषण की वजह से दुनिया में होने वाली हर चौथी मौत भारत में हो रही है। एक ताजा शोध में यह भी बताया गया है कि दुनिया में होने वाली हर छठी मौत प्रदूषण की वजह से हो रही है। लैंसेट के एक अध्ययन के मुताबिक भारत में प्रदूषण की वजह से जान गंवाने वाले 90 लाख लोगों में से 16 लाख के करीब लोग वायु प्रदूषण की वजह से मरे हैं। यह दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है। वायु प्रदूषण के कारण भारत में 9.8 लाख लोग मरे, जबकि घरों के अंदर की हवा प्रदूषित होने से 6.1 लाख लोग मरे। इस तरह कुल 16 लाख लोगों की मौत हुई है। दुनिया भर की बात करें तो 2019 में 90 लाख लोगों की प्रदूषण के कारण मौत हुई। इनमें से 66.7 लाख मौतें घरेलू और वातावरण में मौजूद वायु प्रदूषण के कारण हुईं। वहीं जल प्रदूषण से 13.6 लाख मौतें हुईं। इसके अलावा नौ लाख लोगों की मौत का कारण लेड यानी शीशे को माना जा रहा है। रिपोर्ट के प्रमुख लेखक रिचर्ड फुलर ने कहा है- प्रदूषण से सेहत पर पड़ रहे बुरे प्रभावों को लेकर वैश्विक स्तर पर किए गए प्रयास कामयाब नहीं दिखते। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम सहित भारत ने व्यापक तौर पर कई उपाय किए हैं। 2019 में एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए एक कमीशन की भी शुरुआत की गई। लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रदूषण के कारण एक साल में 24 लाख लोगों की मौत होती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो ठंड के दौरान हवा काफी बदतर स्थिति में होती है। भारत के मुकाबले चीन की स्थिति बेहतर है। वहां साल 2019 में 21.7 लाख लोग प्रदूषण का शिकार हुए। 2015 में यह आंकड़ा 18 लाख था। शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रदूषण के कारण हो रहीं बीमारियां इस कदर जानलेवा होती हैं कि औसतन हर दिन साढ़े छह हजार लोगों की मौतें हो रहीं हैं। कोरोना महामारी के कारण हो रही मौतों की तुलना करें तो प्रदूषण के कारण अधिक मौतें होती हैं।
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