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करनाल में जारी किसान धरना, एसडीएम को निलंबित कर मुकदमा दर्ज करने की मांग

ByNI Desk,
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करनाल में जारी किसान धरना, एसडीएम को निलंबित कर मुकदमा दर्ज करने की मांग
करनाल। दिल्ली की सीमा के बाद किसानों के आंदोलन की नई जगह करनाल बन गई है। केंद्र सरकार की तीन कृषि नीतियों का विरोध कर रहे किसान करनाल में डटे हैं। वे बासताड़ा टोल पर किसानों के ऊपर हुई लाठीचार्ज का विरोध कर रहे हैं और लाठीचार्ज करने की इजाजत देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा को निलंबित कर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। किसान करनाल में हरियाणा सरकार के मिनी सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं और ऐलान कर दिया है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती है वे वहां से पीछे नहीं हटेंगे। (farmer strike continues Karnal) इससे पहले किसान नेताओं और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के बीच करीब सवा तीन घंटे चली वार्ता विफल हो गई। बातचीत में सहमति नहीं बन पाई। इस दौरान दो दौर में बातचीत हुई। पहले दौर की वार्ता में डीसी-एसपी ने प्रशासनिक टीम का नेतृत्व किया और दूसरे दौर में रेंज कमिश्नर की अगुवाई में प्रशासन ने बातचीत की। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीटिंग से बाहर निकल कर कहा कि प्रशासनिक टीम ने हर आधे घंटे बाद चंडीगढ़ बात की। kishan andolan Read also भाजपा ने चुनाव प्रभारियों की घोषणा की टिकैत ने कहा- हमारी मांग थी कि आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा को सस्पेंड कर केस दर्ज किया जाए। प्रशासनिक टीम केस दर्ज करना तो दूर सस्पेंड करने के लिए भी तैयार नहीं है। टिकैत ने कहा- हमारा एक मोर्चा दिल्ली बॉर्डर पर है और अब दूसरा करनाल सचिवालय पर जारी रहेगा। प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा कि जिला सचिवालय पर किसान डटे रहेंगे। उन्होंने कहा- अधिकारियों को मुख्य गेट से नहीं जाने देंगे, वे चाहे किसी रास्ते या फिर दीवार कूद कर सचिवालय के भीतर जाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि यहां आने वाले आम आदमी को किसी प्रकार की परेशानी न आए। प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम चढूनी और योगेंद्र यादव ने किसानों का पक्ष रखा। जिले के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि बातचीत से इस मसले का समाधान निकालने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी लाठीचार्ज करवाने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। बिना जांच के कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस बीच आंदोलनकारी किसानों ने बैठक में आश्वासन दिया कि वे धरने को शांतिपूर्ण तरीके से चलाएंगे। Read also रबी फसलों की कीमत में इजाफा प्रशासन की तरफ से न्योता मिलने के बाद राकेश टिकैत, गुरनाम चढूनी, योगेंद्र यादव और सुरेश कौथ समेत 11 किसान नेता प्रशासन से वार्ता के लिए पहुंचे थे। पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के साथ किसान नेताओं की बातचीत हुई। प्रशासन ने धरने पर बैठे किसानों को दोपहर दो बजे वार्ता के लिए बुलाया था। इससे पहले किसानों ने बुधवार को निर्मल कुटिया और जाट भवन होकर सचिवालय जाने वाले रास्ते पर लगाए बैरिकेड हटवा दिए। हजारों किसान बसताड़ा टोल पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सचिवालय का घेराव कर धरने पर बैठे हैं।
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