समाचार मुख्य

संसद सत्र के दौरान किसान करेंगे प्रदर्शन

ByNI Desk,
Share
संसद सत्र के दौरान किसान करेंगे प्रदर्शन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के बनाए कृषि कानूनों के विरोध में सात महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे किसानों ने संसद सत्र के दौरान प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर बैठक की। इस बैठक में फैसला किया गया कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान आंदोलनकारी संसद भवन पर प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा 19 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र से दो दिन पहले 17 जुलाई को सभी विपक्षी दलों के सांसदों को चेतावनी पत्र देकर संसद में चुप्पी तोड़ने या कुर्सी छोड़ने की मांग की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता और न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर कानून बनाने की बात नहीं होती, तब तक विपक्षी सांसद संसद न चलने दें। यह भी कहा गया कि 22 जुलाई से लगातार बार्डर से आंदोलनकारी संसद मार्ग पर जाकर प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया कि इसी तरह आठ जुलाई को देश भर में पेट्रोल, डीजल व गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ हाईवे के किनारे 10 से 12 बजे तक गाड़ियों, गैस सिलेंडर के साथ प्रदर्शन किया जाएगा। किसानों ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान रोड जाम नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 12 बजे दिन में सभी गाड़ियों के आठ मिनट तक हार्न बजा कर सरकार को जगाने का काम किया जाएगा। किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि फरीदाबाद के खोरी गांव को उजाड़ने के विरोध में छह जुलाई को प्रधानमंत्री आवास पर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। चढ़ूनी ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार को वहां रहने वाले सभी लोगों के पुनर्वास का इंतजाम होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार के पास रास्ते होते हैं। सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठन सात महीने से ज्यादा समय से दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-यूपी बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार न  22 जनवरी के बाद से किसानों से बात नहीं की है।
Published

और पढ़ें