नई दिल्ली। ट्विटर और भारत सरकार में एक बार फिर ठन गई है। ट्विटर ने सरकार की ओर से दिए गए कुछ आदेशों को अदालत में चुनौती दी है और सरकार के बनाए कुछ नियमों की न्यायिक समीक्षा कराने की पहल की है। ट्विटर ने केंद्र सरकार के कुछ आदेशों को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उसने कहा है कि कुछ अधिकारी इन कानूनों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं इसलिए इनकी न्यायिक समीक्षा होनी चाहिए। दूसरी ओर केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जवाबदेह बनाया जाएगा।
असल में केंद्र सरकार ने अमेरिका की इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट को कुछ अकाउंट्स बंद करने को कहा था। केंद्र सरकार ने अलग खालिस्तान का समर्थन करने वाले कुछ ट्विटर अकाउंट्स को हटाने के लिए कहा था। इसके अलावा कोरोना महामारी को हैंडल करने के मामले में केंद्र सरकार की आलोचना करने वाले कुछ ट्विट्स और अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी कहा था। साथ ही किसान आंदोलन के समय सक्रिय कुछ अकाउंट्स बंद करने को भी कहा था। जानकार सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने के आखिर में ट्विटर को नोटिस जारी किया गया था और उसने बाद में बताया था कि वह इस आदेश पर अमल को तैयार है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक ट्विटर ने सरकार के बनाए कुछ नियमों को लेकर आपत्ति की है और उनकी न्यायिक समीक्षा की जरूरत बताई है। साथ ही उसने यह भी कहा है कि कुछ अधिकारी कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। ध्यान रहे यह दूसरा मौका है, जब केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच टकराव हो रहा है। पिछले साल भी जब केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करने के कानून बनाए थे तब सभी कंपनियों ने कानूनों पर अमल शुरू कर दिया था लेकिन ट्विटर ने काफी समय तक इसका विरोध किया था। कानूनों पर अमल की तारीख बीत जाने के बाद ट्विटर को मिली कानूनी सुरक्षा खत्म हो गई थी और इसके कई कर्मचारियों पर मुकदमे भी हुए थे।
बहरहाल, ताजा विवाद को लेकर केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चेतावनी देने के अंदाज में कहा है कि ट्विटर को भारत का कानून मानना होगा। वैष्णव ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जवाबदेह बनाया जाएगा। ट्विटर के अदालत जाने की खबर पर प्रतिक्रिया में वैष्णव ने कहा है- देश में चाहे कोई भी कंपनी हो, किसी भी सेक्टर से हो, उन्हें भारत के कानून का पालन करना चाहिए। कानून का पालन सभी की जिम्मेदारी है। सोशल मीडिया को कैसे जवाबदेह बनाया जाए, इस पर तेजी से काम चल रहा है। इसे जवाबदेह ठहराना जरुरी है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन स्तरों पर काम होना चाहिए। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कंपनियों को स्व नियमन करना चाहिए फिर उद्योग का अपना नियमन होना चाहिए और फिर सरकार का नियमन होना चाहिए। दूसरी ओर ट्विटर ने इस मामले में अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला दिया है। कंपनी का कहना है कि अगर वे किसी भी यूजर के खिलाफ बिना नोटिस के कंटेंट हटाते है तो ये यूजर के अधिकार का उल्लंघन होगा।
ट्विटर व सरकार में फिर ठनी
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