नई दिल्ली। एक फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार का आखिरी बजट पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार अपना पांचवां बजट पेश करेंगी। इससे पहले 31 जनवरी को संसद का बजट सत्र शुरू होगा। बजट सत्र का पहला चरण छह अप्रैल तक चलेगा। बीच में एक महीने का अवकाश होगा। इस बारे में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने शुक्रवार को जानकारी दी। इस बीच सरकार की बजट तैयारियों जोर शोर से चल रही हैं और शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कई अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की।
बहरहाल, इस सरकार के आखिरी बजट से हर वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं और माना जा रहा है कि चुनाव के लिहाज से कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं, जिनमें आयकर में कटौती का फैसला भी शामिल है। बताया जा रहा है कि बजट में इस बार भी राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के साथ साथ विकास के उपायों पर जोर रहेगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने एक ट्विट में बताया कि बजट सत्र 2023 की कार्यवाही 31 जनवरी से शुरू होगी और छह अप्रैल तक चलेगी। इस दौरान 27 बैठकें आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि संसद का बजट सत्र करीब 66 दिनों का होगा। इस सत्र में प्रहलाद जोशी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण, केंद्रीय बजट और अन्य मुद्दों पर सार्थक बहस की उम्मीद जताई है। जोशी ने बताया कि बजट सत्र में 14 फरवरी से लेकर 12 मार्च तक अवकाश होगा। इस दौरान अलग अलग सरकारी विभागों को अनुदान की मांग और रिपोर्ट बनाने के लिए समय मिल सकेगा।