
मुंबई। बिहार में दूसरी बार के विधायक को स्पीकर बनाने के बाद भाजपा ने अपने नए प्रयोग में महाराष्ट्र में पहली बार के विधायक को स्पीकर को बना दिया है। महाराष्ट्र में शिव सेना के बागी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया, जिसके पहले दिन रविवार को स्पीकर का चुनाव हुआ। चुनाव में भाजपा के विधायक राहुल नार्वेकर जीते। इस तरह पहले शक्ति परीक्षण में शिंदे गुट की बड़ी जीत हुई है। सोमवार को शिंदे को बहुमत साबित करना है।
रविवार को हुए स्पीकर के चुनाव में भाजपा ने राहुल नार्वेकर को उम्मीदवार बनाया था, जबकि विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी ने राजन साल्वी को उतारा था। नार्वेकर को 164 वोट, जबकि शिव सेना के राजन साल्वी को 107 वोट मिले। वोटिंग के दौरान एनसीपी के सात और कांग्रेस के दो विधायक सदन से गायब रहे। कुल 12 विधायकों ने स्पीकर के चुनाव में मतदान नहीं किया।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष की मांग पर डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने विधायकों की गिनती शुरू कराई। विधानसभा में अभी 287 विधायक थे और जीत के लिए 144 का आंकड़ा चाहिए था। हालांकि, वोटिंग में सिर्फ 275 विधायकों ने भाग लिया। जेल में बंद एनसीपी के दो विधायकों- नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने वोट नहीं डाला। इन दोनों के अलावा एनसीपी के पांच और विधायकों ने वोट नहीं डाला। भाजपा और कांग्रेस के दो-दो और एमएमआईएम के एक विधायक ने भी मतदान नहीं किया। अबू आजमी सहित सपा के दोनों विधायकों ने भी वोट नहीं डाला।
शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने कहा कि शिव सेना के व्हिप का उल्लंघन कर अध्यक्ष पद के चुनाव में 39 बागी विधायकों ने वोट किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल, राहुल नार्वेकर 2014 से पहले शिव सेना में थे, लेकिन लोकसभा का टिकट नहीं मिला, तो पार्टी छोड़ एनसीपी में शामिल हो गए। 2014 में मवाल लोकसभा सीट से मैदान में उतरे, लेकिन हार गए। फिर नार्वेकर भाजपा में शामिल हो गए। 2016 में राज्यपाल कोटे से नार्वेकर विधान परिषद के सदस्य बने। 2019 के विधानसभा चुनाव में वे कोलाबा विधानसभा सीट से चुनाव जीते। राहुल नार्वेकर को भाजपा के 106, शिव सेना के 39 और 19 निर्दलीय विधायकों का वोट मिला।