नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने भारतीय जनता पार्टी के पांच विधायकों को मंगलवार को सदन से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। ये सभी बच्चों की शिक्षा और शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़ी नीतियों में उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना के कथित ‘अवैध हस्तक्षेप’ के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक आतिशी के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे। गोयल के निर्देश पर मार्शल ने भाजपा विधायक अजय महावर, जितेंद्र महाजन, ओपी शर्मा, अभय वर्मा और अनिल बाजपेयी को सदन से बाहर निकाला। आतिशी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने अपने बजट का एक चौथाई हिस्सा शिक्षा के लिए आवंटित किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने शिक्षकों के प्रशिक्षण का बजट 10 गुना बढ़ा दिया है जिससे राष्ट्रीय राजधानी की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव आया है। आतिशी ने कहा, उपराज्यपाल का शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने से रोकने का आदेश अवैध है। वह एक संवैधानिक पद पर हैं और भाजपा के एजेंट नहीं। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार उनके पास स्वतंत्र रूप से फैसला करने का अधिकार नहीं है। ‘आप’ के विधायक सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि अधिकारी भाजपा द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल के इशारे पर काम में बाधा डाल रहे हैं, जबकि भाजपा विधायक आरोप लगा रहे हैं कि दिल्ली सरकार काम करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के कामों में अड़ंगा लगाने को लेकर दिल्ली की जनता भाजपा से नाराज है। ‘आप’ सरकार पर भ्रष्टाचार व घोटालों का आरोप लगाते हुए भाजपा के विधायक दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को काले कपड़े तथा पगड़ी पहनकर पहुंचे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की। भाजपा के सदस्य अजय महावर ने बसों की खरीद, आबकारी नीति और दिल्ली जल बोर्ड की कार्यप्रणाली में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
वहीं, सरकारी कामकाज में उपराज्यपाल के कथित हस्तक्षेप पर दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ‘सामंती मानसिकता’ से पीड़ित हैं और शहर में गरीब बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा नहीं चाहते। उन्होंने कहा, ‘मेरे शिक्षकों ने भी कभी इस तरह मेरा गृहकार्य नहीं जांचा, जैसे उपराज्यपाल फाइलें खंगालते हैं।’ उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मेरे हेडमास्टर नहीं हैं। जनता ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया है।