नई दिल्ली। भारत सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों से आम लोगों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद अब केंद्र सरकार ने देश के रणनीतिक तेल भंडार से 50 लाख बैरल कच्चा तेल निकालने जा रही है, ताकि कच्चे तेल की उपलब्धता बढ़े और इसकी कीमत में कमी आए। अमेरिका और चीन पहले ही अपने रणनीतिक तेल भंडार से कच्चा तेल निकालने की पहल कर चुके हैं। भारत के 50 लाख बैरल कच्चा तेल निकालने से पेट्रोल, डीजल की कीमतों में तीन रुपए प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है। गौरतलब है कि रणनीतिक तेल भंडार में युद्ध और दूसरी आपात स्थितियों के लिए कच्चा तेल स्टोर किया जाता है। oil strategic petroleum reserves
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों उत्पाद शुल्क में पेट्रोल पर पांच रुपए और डीजल पर 10 रुपए की कमी की है। इसके बावजूद भारत के अलग अलग राज्यों में पेट्रोल की कीमत 95 से एक सौ रुपए लीटर तक बनी हुई है। उधर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद 78 डॉलर प्रति बैरल पर है और तेल उत्पाद देशों के समूह ओपेक ने उत्पादन बढ़ाने से इनकार कर दिया है। तभी तेल की कीमतों में और कमी के लिए भारत सरकार रणनीतिक तेल भंडार से तेल निकालने जा रही है।
[caption id="attachment_152917" align="alignnone" width="500"] The Prime Minister, Shri Narendra Modi taking a high level meeting to review the COVID related issues and vaccination happening in the country, in New Delhi on April 04, 2021.[/caption]
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जानकारी आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अमेरिका, चीन और अन्य दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत भी बाजार में ज्यादा कच्चा तेल लाने पर काम कर रहा है। एक हफ्ते में प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। भारत के रणनीतिक भंडार से निकाले जाने वाले कच्चे तेल को मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को बेचा जाएगा। ये दोनों सरकारी तेल रिफाइनरी यूनिट रणनीतिक तेल भंडार से पाइपलाइन के जरिए जुड़ी हुई हैं।
एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि जरूरत पड़ने पर भारत अपने रणनीतिक भंडार से और ज्यादा मात्रा में कच्चे तेल की निकासी का भी फैसला कर सकता है। इससे कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि भारत ने अपने पश्चिमी व पूर्वी दोनों तटों पर रणनीतिक तेल भंडार स्थापित किए हैं, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और कर्नाटक के मंगलूरु व पदुर में ये भूमिगत तेल भंडार बनाए गए हैं। इनकी कुल भंडारण क्षमता करीब 3.8 करोड़ बैरल की है।
आपात भंडार से तेल निकालेगी सरकार
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