नई दिल्ली। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला कर रहे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक शनिवार को किसानों के समर्थन में थाने पहुंचे। मलिक किसानों के समर्थन में गिरफ्तारी देने आरके पुरम थाने में पहुंचे थे लेकिन पुलिस ने उनको गिरफ्तार नहीं किया। हालांकि इस बीच मीडिया और सोशल मीडिया में उनको गिरफ्तार करने की अफवाह फैल गई। गौरतलब है कि मलिक ने आरोप लगाया है कि जम्मू कश्मीर का राज्यपाल रहते उनके पास दो फाइल मंजूरी के लिए लाई गई थी और उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी। इस मामले में सीबीआई ने उनको पूछताछ के लिए बुलाया है।
पिछले दिनों मलिक ने आरोप लगाया कि उन्होंने पुलवामा कांड के बाद प्रधानमंत्री से कहा था कि यह हम सबकी गलती से हुआ है तो प्रधानमंत्री ने चुप रहने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार से कोई खास दिक्कत नहीं है। इस पृष्ठभूमि की वजह से उनकी गिरफ्तारी की अफवाह पर चौतरफा प्रतिक्रिया हुई। हालांकि बाद में उन्होंने और दिल्ली पुलिस दोनों साफ किया कि उनको गिरफ्तार नहीं किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा- हमने न उन्हें हिरासत में लिया, न छोड़ा। वो खुद आए थे, खुद चले गए। असल में, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के कुछ खाप नेता और कई किसान नेता मलिक के दिल्ली आवास उनसे मिलने पहुंचे थे। मलिक इन नेताओं के लिए अपने घर के करीब आरके पुरम के पार्क में टेंट लगवाकर खाना बनवा रहे थे। सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने वहां पहुंच कर आयोजन रूकवा दिया। मलिक ने कहा कि उन्होंने आयोजन की अनुमति मांगी तो पुलिस ने इससे भी इनकार कर दिया।
बताया जा रहा है कि किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित कई लोगों को हिरासत में लिया गया। उनके समर्थन में मलिक गिरफ्तारी देने थाने गए थे। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनको गिरफ्तार नहीं किया। वे करीब तीन घंटे तक आरके पुरम थाने में बैठे रहे और उसके बाद घर लौट गए। बताया जा रहा है कि कई किसानों को जाफराबाद थाने ले जाया गया था। हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया।