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जी-7 की बैठक से कटेगा भारत का नाम?

ByNI Desk,
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जी-7 की बैठक से कटेगा भारत का नाम?
नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं करने के भारत के स्टैंड की एक कीमत यह चुकानी पड़ सकती है कि जून में होने वाली जी-7 देशों की बैठक में भारत को नहीं बुलाया जाए। इस बार जी-7 की बैठक का मेजबान जर्मनी है और वह भारत के तटस्थ रुख की वजह से भारत को मेहमानों की सूची से बाहर करने पर विचार कर रहा है। खबरों के मुताबिक जर्मनी में इस बारे में चर्चा हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 की बैठक में बुलाया जाए या नहीं। गौरतलब है कि जर्मनी में 26 से 28 जून तक जी-7 देशों की मीटिंग होने वाली है। ‘ब्लूमबर्ग’ ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि जर्मनी के बवेरिया में होने वाली मीटिंग में सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया को मेहमान के रूप में बुलाया जा रहा है, लेकिन भारत को इसमें शामिल किया जाए या नहीं, इस पर अभी तक विचार चल रहा है। यह भी बताया गया है कि मेहमानों की सूची यूक्रेन पर हमले से पहले ही तैयार कर ली गई थी, जिसमें भारत भी था, लेकिन अब इस सूची पर दोबारा विचार किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि चूंकि भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस के खिलाफ हुई किसी भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। संयुक्त राष्ट्र में रूस को मानवाधिकार परिषद से बाहर करने का प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव पर भी वोटिंग से भारत सहित 50 देश अलग रहे थे। इसके अलावा भारत ने रूस पर प्रतिबंध भी नहीं लगाए हैं। साथ ही रूस से तेल और हथियार खरीदना जारी रखा है। इस वजह से भारत को सूची से बाहर करने पर विचार चल रहा है। जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टेफेन हेबेस्ट्रेट ने कहा कि जल्दी ही जी-7 की बैठक में बुलाए जाने वाले मेहमानों की सूची फाइनल की जाएगी। उन्होंने कहा कि चांसलर कई बार दोहरा चुके हैं कि जर्मनी के ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय साझेदार रूस के खिलाफ पाबंदियां लगाएं। भारत ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गौरतलब है कि रूसी ऊर्जा आयात पर अपनी निर्भरता के लिए जर्मनी खुद यूक्रेन और पोलैंड की आलोचना झेल रहा है।
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