क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की टीम के किसी नेता ने गुलाम नबी आजाद से कांग्रेस में वापसी की बात की थी? या सोनिया गांधी के करीबी किसी पुराने नेता ने आजाद से औपचारिक बात की थी? तीन चार महीने पहले कांग्रेस छोड़ने और अपनी अलग पार्टी बनाने वाला गुलाम नबी आजाद ने हालांकि दो टूक अंदाज में इस बात से इनकार किया है कि वे उनकी कांग्रेस में वापसी की कोई योजना है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी में फूट डालने के लिए इस तरह की बात प्रचारित की गई। लेकिन कांग्रेस के कई युवा नेता उनकी इस बात से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि आजादी की पार्टी में तो पहले से फूट पड़ी है उससे ज्यादा राहुल की ऑथोरिटी कम करने के लिए इस तरह की बात फैलाई गई है।
ध्यान रहे गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ी तो पांच पन्नों की एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के बारे में वो सारी बातें कही थीं, जो भाजपा के नेता कहते रहे हैं। ऐसा लग रहा था कि भाजपा के आईटी सेल में वह चिट्ठी तैयार की गई थी। वह राहुल की छवि खराब करने वाली चिट्ठी थी। तभी राहुल की टीम कैसे उनकी वापसी पर तैयार हो सकती है? इसके बावजूद किसी ने आजाद से बात की है। उनको पार्टी में वापस लाने का दांव चला है और यह खबर लीक कराई है कि राहुल गांधी की यात्रा कश्मीर पहुंचने से पहले आजाद की पार्टी में वापसी हो सकती है। सोचें, अगर उनकी कांग्रेस में वापसी हो जाती है तो राहुल का क्या चेहरा बचेगा? क्या राहुल की टीम इतना बड़ा समझौता करने को तैयार होगी?