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मोदी के बाद प्रियंका पहुंचीं महोबा

ByNI Desk,
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मोदी के बाद प्रियंका पहुंचीं महोबा
झांसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शुक्रवार यानी 19 नवंबर को महोबा में बड़े कार्यक्रम को संबोधित किया था। उसके एक हफ्ते बाद 27 नवंबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महोबा में एक बड़ी राजनीतिक रैली को संबोधित किया। कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित इस प्रतिज्ञा रैली में उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर जम कर हमला किया। प्रियंका ने कहा कि बुंदेलखंड के संसाधनों पर बुंदेलखंड के लोगों का हक है। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र के लोगों के साथ भाजपा सरकार ने धोखा किया है। narendra modi priyanka gandhi प्रियंका ने आरोप लगाते हुए कहा- प्रधानमंत्री मोदी जी, मुख्यमंत्री योगी जी सबने बुंदेलखंड को छला है। खाद के चलते बुंदेलखंड में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। दो सालों में 15 सौ किसानों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा- बीजेपी नई खनिज नीति, किसानों की दुर्दशा, पानी की समस्या पर कुछ नहीं कर पाई है। प्रियंका ने दावा किया कि बेरोजगारी, महंगाई के चलते बुंदेलखंड का बुरा हाल हो गया है। Read also UP में गरजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कहा- सीमा लांघी तो घुसकर मारेंगे महोबा की प्रतिज्ञा रैली में प्रियंका गांधी ने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस भाजपा की लूट वाली नीति को खत्म करेगी और बुंदेलखंड के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा- बीजेपी की तरह चुनावी बुंदेलखंड विकास बोर्ड नहीं, बुंदेलखंड के लिए स्थायी बुंदेलखंड विकास बोर्ड बनेगा। बुंदेलखंड विकास बोर्ड के लिए हर साल विकास का बजट दिया जाएगा। प्रियंका ने कहा कि महोबा में वीर आल्हा-ऊदल के नाम पर एक बड़ा सांस्कृतिक केंद्र बनाएंगे। उन्होंने कहा- किसानों का कर्ज माफ करेंगे। सबका बिजली बिल हाफ होगा और कोरोना काल का बकाया माफ होगा। Read also एक लाख जीरो बिल लेकर पंजाब पहुंचे केजरीवाल एक साल से चल रहे किसान आंदोलन के बीच तीनों कृषि कानूनों की वापसी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर भी प्रियंका ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तपस्या पीएम मोदी नहीं बल्कि किसान कर रहे हैं। उन्होंने मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी और योगी तपस्या नहीं कर रहे हैं, बल्कि बड़े विमानों में उड़ रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कृषि कानूनों के फायदों को समझाने में सरकार नाकाम रही, शायद उनकी तपस्या में ही कोई कमी रह गई होगी।
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