नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि देश में फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने तथा कर्ज में डूबे होने के कारण किसान आत्महत्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है लेकिन सरकार इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो(एनआरसीबी) के अनुसार 2013 से 2016 के बीच देश में चार लाख 88 हजार 104 किसानों और खेतीहर मजदूरों ने विभिन्न कारणों से आत्महत्या की है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसके लिए कोई उपाय नहीं किए हैं।
ये खबर भी पढ़ेः वीर सावरकर को भी मानते हैं हम: कांग्रेस
उन्होंने कहा कि हरियाणा में 2015 में 162 किसानों ने आत्महत्या की है जबकि 2016 में यह संख्या बढकर 54.32 प्रतिशत बढ़कर 250 पहुंची है। राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए खरीद भी नहीं की है। उन्होंने बाजरे का उदाहरण दिया और कहा कि किसान 30 क्वींटल बाजारा पैदा कर रहा है लेकिन राज्य सरकार सिर्फ आठ क्वींटल ही खरीद कर रही है और किसान को 22 क्वींटल को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर होना पड रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र में राज्य सरकार ने 89 लाख किसानों का ऋण माफ करने के लिए 34 हजार करोड़ रुपए जारी करने की घोषणा की थी लेकिन सरकार ने इस मद के लिए महज 16 हजार करोड रुपए ही जारी किए जिसके कारण 50 लाख से ज्यादा किसानों को इसका कोई फायदा नहीं मिला।