नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर के तबादले के फैसले को लागू न करने की सरकार से अपील की है क्योंकि उनके तबादले से लोगों को न्यायपालिका से विश्वास उठ जाएगा।
पार्टी पोलित ब्यूरो ने आज यहां जारी बयान में सरकार की कल रात मुरलीधर को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भेजे जाने की निंदा की है और कहा है कि आधी रात में दिल्ली उच्च न्यायालय के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश को इस तरह तबादला किये जाने से लोगों का देश की न्यायिक प्रणाली से भरोसा उठ जाएगा।
पार्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के कॉलिजियम ने मुरलीधर के तबादले की सिफारिश जरूर की थी लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोशिएशन इस फैसले का विरोध किया था लेकिन जिस तरह जल्दबाजी में सरकार तबादले का फैसला लिया है उससे पता चलता है कि वह एकतरफा फैसला था। सच तो यह है कि मुरलीधर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को फटकार लगायी थी कि उसने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के भड़कीले भाषणों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज न कर उनका बचाव किया था, इसलिए न्यायपालिका में लोगों का भरोसा कायम करने के लिए तबादले के फैसले को टालने की अपील की जाती है।
मुरलीधर के तबादले को सरकार लागू न करे : येचुरी
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