नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति और तबादले व प्रमोशन के कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाने के बाद अब अपना रुख नरम कर लिया है। केंद्र सरकार अब कॉलेजियम की सिफारिशों पर कदम उठाने के लिए समय सीमा का पालन करने को तैयार हो गई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के लिए पांच जजों की सिफारिश, तीन हाई कोर्ट के प्रमुख न्यायाधीशों और अन्य जजों की नियुक्तियों पर भी जल्दी विचार करने का भरोसा दिया है।
केंद्र सरकार ने मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि वो उच्च अदालतों में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की ओर से की गई सिफारिशों को मंजूरी देने के लिए शीर्ष अदालत की ओर से निर्धारित समय सीमा का पालन करेगी। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेकेंटरमणि ने कहा कि सरकार के पास अब तक की 104 सिफारिशों में से 44 की पुष्टि की जाएगी और अगले तीन दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएगी। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के लिए सिफारिश किए गए पांच नामों के मामले को भी देख रहे हैं।
पिछली सुनवाई में, अदालत ने कहा था कि कॉलेजियम प्रणाली इस देश का कानून है और केंद्र को उसी का पालन करना होगा। गौरतलब है कि कॉलेजियम प्रणाली को लेकर उप राष्ट्रपति ने टिप्पणी की थी और कानून मंत्री ने इसके खिलाफ सवाल उठाए थे। इस पर अदालत ने कहा था कि कॉलेजियम के खिलाफ टिप्पणी अच्छी तरह से नहीं ली गई है। अदालत ने अटॉर्नी जनरल से सरकारी अधिकारियों को नियंत्रण रखने की सलाह देने को कहा था। सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि कॉलेजियम सिस्टम इस देश का कानून है, जिसका पालन करना होगा लेकिन अगर सरकार चाहे तो वह नया कानून ला सकती है।