पटना। दूसरे राज्यों से आने वाले छात्रों और मजदूरों से ट्रेन किराया वसूलने के विवाद के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज स्पष्ट किया कि आने वाले छात्रों और मजदूरों से किराया नहीं वसूला जा रहा है, किराया राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, बाहर से आने वाले छात्रों को किसी प्रकार का किराया नहीं देना है। किराया बिहार सरकार वहन कर रही है।
नीतीश ने अपने संदेश में केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा, हमलोगों की मांग प्रारंभ से ही थी कि बाहर फंसे लोगों को ट्रेनों से ही लाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने हमारा सुझाव माना। मुख्यमंत्री ने मजदूरों का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार के जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, और वे जिस स्टेशन पर आएंगे, वहां से उन्हें प्रखंड मुख्यालय तक ले जाया जाएगा। स्टेशनों पर उनके लिए व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि बाहर से आए छात्र-मजदूर 21 दिन बाद क्वारंटीन सेंटर से जब जाने लगेंगे तो उन्हें आने में होने वाले खर्च वहन के तौर पर तय न्यूनतम राशि 1000 रुपये और उसके अलावा 500 रुपये अलग से देकर विदा किया जाएगा।
कोरोना से भयभीत नहीं होने, बल्कि सजग रहने की अपील करते हुए नीतीश ने लोगों से कहा, हमारी सरकार का विश्वास काम करने में है और हमलोग काम कर रहे हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में ज्यादा परेशानी नहीं है, यहां के लोगों में जागरूकता है, जिस कारण कोराना वायरस का कम प्रभाव पड़ा है।
छात्रों, मजदूरों का ट्रेन किराया सरकार वहन करेगी : नीतीश
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