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Rajasthan में सियासी संग्राम पकड़ने लगा जोर, Sachin Pilot के बयान पर डोटासरा ने किया पलटवार

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Rajasthan में सियासी संग्राम पकड़ने लगा जोर, Sachin Pilot के बयान पर डोटासरा ने किया पलटवार
जयपुर। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में एक बार फिर से छिड़ा सियासी संग्राम अब जोर पकड़ने लगा है। गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी ( Hemaram Choudhary ) के इस्तीफे के बाद चार दिन से राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान के बीच अब पूर्व डिप्टी सीएम एवं विधायक सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) और प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ( Govind Singh Dotasara ) आमने-सामने होते दिखाई दिए हैं। सचिन पायलट द्वारा वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी को पार्टी का ईमानदार और सादगी वाला विधायक कहने और उनके इस्तीफे को पार्टी के लिए चिन्ता का विषय बताना शायद पार्टी को रास नहीं आया. पायलट के बयान के बाद पीसीसी ( PCC ) में ही मीडिया से प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी कह दिया कि, हेमाराम ने पार्टी की सेवा की है तो पार्टी ने भी उन्हें पद दिए हैं। मर्यादा का ध्यान सभी को रखना चाहिए। डोटासरा के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में गहमा-गहमी का माहौल हो गया है। ये भी पढ़ें :- Rajasthan: आखिर Sachin Pilot ने तोड़ी चुप्पी, Hemaram के इस्तीफे पर बोले- हेमाराम ने अपने खून से सींचा है पार्टी को डोटासरा का पायलट के बयान पर कटाक्ष पूर्व डिप्टी सीएम पायलट के बयान पर गोविंद सिहं डोटासरा ( Govind Singh Dotasara ) ने कटाक्ष करते हुए कहा कि, हेमाराम ने पार्टी की सेवा की है तो पार्टी ने भी उन्हें मंत्री और नेता प्रतिपक्ष पद दिया। हेमाराम से दो बार बात हो चुकी है। उनकी शिकायतों का समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है। सरकार में प्रत्येक कार्यकर्ता का काम होना चाहिए लेकिन कार्यकर्ताओं-जनप्रतिनिधियों को पार्टी की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। ये भी पढ़ें :- Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में अब दूसरे विधायक ने बुलंद की आवाज, कहा- पार्टी को लग सकता है बड़ा झटका इस्तीफे पर नहीं हो पा रहा फैसला विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे पर विधानसभा सचिवालय चार दिन बाद भी कोई फैसला नहीं ले सका है। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा है कि विधानसभा के नियम और प्रक्रिया के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सूत्रों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ( CP Joshi ) अपने स्तर पर निर्णय करने से पहले सदन के नेता की राय का इंतजार कर सकते हैं।
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