नई दिल्ली। वस्तु व सेवा कर, जीएसटी कौंसिल की बुधवार को अहम् बैठक होने जा रही है, जिसमें जीएसटी की दरें बढ़ाने के बारे में फैसला हो सकता है। इस बैठक में राजस्व बढ़ाने के उपायों पर विचार किया जाना है। बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के बचे हुए चार महीनों में एक लाख एक हजार करोड़ रुपए हर महीने जीएसटी वसूली का लक्ष्य तय किया है।
गौरतलब है कि जीएसटी की मौजूदा दर के तहत उम्मीद से कम राजस्व मिल रहा है और इस वजह से कर ढांचे में बदलाव को लेकर चर्चा हो रही है। राजस्व प्राप्ति कम होने से राज्यों को मुआवजे के भुगतान में देरी हो रही है। हालांकि जीएसटी कौंसिल की बैठक से ठीक पहले केंद्र सरकार ने राज्यों के मुआवजे का 36 हजार करोड़ रुपया जारी कर दिया। बहरहाल, जीएसटी प्राप्ति में कमी की भरपाई करने के लिए जीएसटी दर और उपकर में बढ़ोतरी किए जाने के सुझाव दिए गए हैं। पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने हालांकि, उपकर की दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी का विरोध किया है।
राज्य सरकार का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच उपभोक्ता के साथ साथ उद्योगों को भी कामकाज में दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी कौंसिल ने जीएसटी और उपकर की दरों की समीक्षा के बारे में सुझाव मांगे हैं। राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिए कौंसिल ने विभिन्न सामानों पर दरों की समीक्षा करने, उलटे कर ढांचे को ठीक करने के लिए दरों को तर्कसंगत बनाने, राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिए फिलहाल लागू किए जा रहे उपायों के अलावा अन्य अनुपालन उपायों के बारे में सुझाव मांगे हैं।