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गुवाहाटी नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को ‘महाझटका’, नहीं खुला खाता, भाजपा मार ले गई बाजी

ByNI Political,
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गुवाहाटी नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को ‘महाझटका’, नहीं खुला खाता, भाजपा मार ले गई बाजी
गुवाहाटी | Guwahati Municipal Election Results: गुवाहाटी नगर निगम चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने क्लीन स्वीप करते हुए कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया है। यहां कांग्रेस जीत का खाता भी नहीं खोल पाई है। आज रविवार को 60 सीटों वाले गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) चुनाव में भाजपा ने भारी जीत दर्ज की हैं। भाजपा ने 60 सीटों में से 58 सीटें जीतकर विपक्ष की बोलती बंद कर दी है। भाजपा के अलावा एक सीट आम आदमी पार्टी (आप) और एक सीट असम जातीय परिषद (एजेपी) को मिली है। पीएम मोदी ने दी बधाई गोवाहाटी में चुनावों में भाजपा की इस भारी जीत के बाद पीएम मोदी ने सभी कार्यकर्ताओं और जनता को बधाई दी है और ट्वीट करते हुए कहा है कि विकास के एजेंडे पर निर्माण के लिए गुवाहाटी की जनता ने भाजपा को एक बड़ा जनादेश दिया है, इसके साथ ही जनता ने राज्य सरकार की मेहनत को भी आशीर्वाद दिया। जिसके लिए गुवाहाटी के लोगों को धन्यवाद। इसी के साथ पीएम मोदी ने कड़ी मेहनत के लिए सभी भाजपा कार्यकर्ताओं का आभार भी जताया। भाजपा की 3 सीटों पर पहले ही निर्विरोध जीत Guwahati Municipal Election Results: गोवाहाटी चुनावों में मुख्य विपक्षी दल मानी जाने वाली कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई। जबकि, भाजपा (52 वार्ड) और उसके सहयोगी असम गण परिषद (6 वार्ड) ने 58 वार्डों में जीत हासिल की। जिसमें 3 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीत चुके हैं। लेकिन एजेपी उम्मीदवार हुकुम चंद अली ने वार्ड नंबर एक में बीजेपी उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की। इसके अलावा आप उम्मीदवार मासूम बेगम ने वार्ड नंबर 42 से जीत दर्ज की है। ये भी पढ़ें:- बिहार में लालू प्रसाद का इंतजार 2013 में जीएमसी काबिज रहने वाली कांग्रेस 2022 में पस्त आपको बता दें कि, 24 तारीख यानि शुक्रवार जीएमसी के लिए पहली बार ईवीएम से वोट डाले गए थे। जिसमें चुनावों में 57 सीटों के लिए 197 उम्मीदवार मैदान में उतरे और 52.80 फीसदी मतदान हुआ। साल 2013 में जीएमसी पर कांग्रेस का कब्जा था, 2016 में असम की सत्ता में भाजपा की एंट्री के बाद कांग्रेस जीएमसी में अल्पमत रह गई। इस बार कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 54 वार्डों में प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे एक भी वार्ड में जीत नसीब नहीं हो पाई। ये भी पढ़ें:- झारखंड में फिर कोई नया प्रयोग होगा
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