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राहुल की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई

अहमदाबाद। मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने के लिए दायर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। राहुल की ओर से वरिष्ठ वकील और सांसद अभिषेक सिंघवी ने दलील पेश की। उन्होंने राहुल की दोषसिद्धी और सजा पर रोक लगाने की अपील की। अब इस मामले में अगली सुनवाई दो मई को होगी। गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई है, जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई है।

हाई कोर्ट में राहुल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी ने मर्डर नहीं किया है। अगर दोषसिद्ध पर रोक नहीं लगाई गई तो वे आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। उन्होंने कहा- राजनीति में एक सप्ताह भी लंबा वक्त होता है, आठ साल में तो याचिकाकर्ता का राजनीतिक करियर खत्म हो सकता है। सिंघवी की दलीलें पूरी होने के बाद बाद जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने कहा- अब शिकायतकर्ता को अपना पक्ष रख लेने दीजिए। दो मई को इस मामले का निपटारा कर देंगे। मैं भी पांच मई के बाद फ्री नहीं हूं, मैं भारत से बाहर जा रहा हूं। इसलिए यह सब जल्द ही समाप्त करना होगा।

गौरतलब है कि 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले लोगों को चोर बताने के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। बाद में राहुल ने जिला व सत्र अदालत में सजा पर रोक लगाने की अपील की थी, जिससे कोर्ट ने इनकार कर दिया था। इसके बाद राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राहुल गांधी की तरफ से पेश अभिषेक सिंघवी ने कहा- यह कोई गंभीर अपराध नहीं है। उन्होंने मर्डर नहीं किया, जिसे माफ नहीं किया जा सकता।

सिंघवी ने कहा- हम आरोप साबित होने तक रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। ऐसा नहीं हुआ तो उन पर आठ साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लग जाएगी। सिंघवी ने नवजोत सिद्धू का उदाहरण देते हुए कहा कि जब नवजोत सिंह सिद्धू को सजा पर स्टे मिल सकती है तो राहुल गांधी को क्यों नहीं? उन्होंने सूरत मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया पूर्णेश मोदी का बयान भी पढ़ा और सवाल उठाते हुए कहा- नीरव मोदी, ललित मोदी या विजय माल्या किसी जाति से नहीं आते हैं, तो शिकायतकर्ता की भावनाएं कैसे आहत हुईं?

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