नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आज बागेश्वर की सरयू नदी में आधुनिक मशीनों से खनन पर रोक लगा दी।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ ने बागेश्वर निवासी प्रमोद कुमार मेहता की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि खनन समिति की सिफारिश के बाद ही आधुनिक मशीनों से खनन किया जायेगा लेकिन अदालत सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार की ओर से सरयू नदी में खनन के लिये खुली नीलामी आमंत्रित की गयी थी और विगत 20 मार्च को नीलामी कर दी गयी।
प्रशासन खुली नीलामी की आड़ में माफियाओं को लाभ पहुंचाना चाहता है। आधुनिक मशीनों के माध्यम से खनन कार्य होने से सरयू के प्राकृतिक स्वरूप को नुकसान हो सकता है। याचिकाकर्ता की ओर से पीठ को यह भी बताया गया कि अभी तक सरयू नदी में बिना मशीनों के चुगान का कार्य होता आया है। प्रशासन की ओर से खुली नीलामी के तहत 19 मार्च तक आवेदन मांगे गये थे और अगले ही दिन 20 मार्च को नीलामी कर दी गयी है।