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हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

ByNI Desk,
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हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली। कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील देते हुए कहा कि ड्रेस कोड लागू करने का मतलब है कि लड़कियों को स्कूल जाने से रोकना। इस पर अदालत ने ड्रेस कोड को लेकर कई मिसाल दी और यह भी कहा कि अगर कोई जिंस पहन कर अदालत में आ जाए तो उसे रोका ही जाएगी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कर्नाटक हिजाब पर पाबंदी मामले का परीक्षण करने को तैयार है। अदालत ने इस पर कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इससे पहले हिजाब पर पाबंदी के मामले में सुनवाई टालने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट के जज नाराज हो गए। मुस्लिम याचिकाकर्ताओं के वकीलों से जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि ये फोरम शॉपिंग नहीं चलेगा। पहले आप लगातार जल्दी सुनवाई की मांग करते रहे, अब सुनवाई टालने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने दो हफ्ते बाद सुनवाई की मांग भी ठुकरा दी। इसके बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच में सुनवाई हुई। कुल 24 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। कर्नाटक हाई कोर्ट में हिजाब बैन को चुनौती देने वाली छह मुस्लिम छात्राओं ने भी याचिका दाखिल की है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को फैसला सुनाया था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में धार्मिक प्रथा का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और उसने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने के लिए मुस्लिम छात्राओं की याचिकाएं खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में हिजाब मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील संजय हेगड़े और राजीव धवन ने कहा- ये मामला संविधान पीठ के सामने जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में ड्रेस कोड के साथ धार्मिक प्रतीकों की भी जगह है। ड्रेस कोड के साथ लाखों लड़कियां हिजाब पहनती हैं, कई संस्थानों में सिख छात्र पगड़ी पहनते हैं, तब कोई ड्रेस कोड का उल्लंघन नहीं माना जाता।
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