शिमला। हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में राज बदल देने का रिवाज इस बार भी कायम रहा। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को हरा कर चुनाव जीत लिया। हिमाचल की 68 सीटों में से 40 सीट जीत कर कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। उसे जरूरी बहुमत से पांच सीटें ज्यादा मिली हैं। वहीं भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई। पिछले चुनाव यानी 2017 के मुकाबले उसे 19 सीटों का नुकसान हुआ। तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं।
बड़ी तैयारी के साथ चुनाव लड़ने पहुंची आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश में खाता भी नहीं खोल पाई। उसे सिर्फ एक फीसदी वोट मिले हैं और उसके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस्तीफा दे दिया। हर बार की तरह इस बार भी राज्य सरकार के मंत्रियों के हारने का सिलसिला जारी रहा। बहरहाल, भाजपा ने इस बार राज नहीं रिवाज बदलने का नारा देकर चुनाव लड़ा था तो दूसरी ओर कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाल रहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने बार बार कहा था कि राज बदलना चाहिए क्योंकि राज बदलने से राज्य का विकास होता है।
हिमाचल में हर चुनाव में 45 से 75 फीसदी मंत्रियों के चुनाव हारने का रिकॉर्ड है। इस बार भी जयराम ठाकुर कैबिनेट के 10 में से आठ मंत्री चुनाव हार गए। चुनाव हारने वाले मंत्रियों में सुरेश भारद्वाज, रामलाल मारकंडा, वीरेंद्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर, राकेश पठानिया, डॉ. राजीव सैजल, सरवीण चौधरी, राजेंद्र गर्ग शामिल हैं। जयराम ठाकुर के अलावा बिक्रम ठाकुर और सुखराम चौधरी ही चुनाव जीत पाए।