नई दिल्ली | देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश के लोगों को राहत भरी खबर दी थी. पीएम ने एलान किया कि अब देश के 18 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले लोगों की वैक्सीन की जिम्मेवारी भी केंद्र सरकार ने ले ली है. देश के लोगों के साथ ही लगभग सभी राज्यों की सरकार ने पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद निश्चय ही राहत की सांस ली होगी. लेकिन पीएम के संबोधन के दौरान कई बार फ्री(मुफ्त) शब्द का प्रयोग किया था. पीएम के इस संबोधन में 5 से ज्यादा बार इस शब्द का प्रयोग किया था. लेकिन पहले तो ये सोचें कि क्या वैक्सीन के लिए फ्री शब्द का प्रयोग करना सही है इसकी जगह पीएम निशुल्क शब्द का भी प्रयोग कर सकते थे. हालांकि इस शब्द में कोई खराबी नहीं है. लेकिन कहीं ना कहीं देश के कई लोग इस बात से इत्तेफाक रखेंगे कि ये शब्द फ्री ( मुफ्त) उनके आत्मविश्वास को ठेस पहुंचाता है. अब सवाल ये उठता है कि क्या सच में देश के लोगों को फ्री कोरोना की वैक्सीन मिल रही है.
माननीय प्रधानमंत्री, कृपया कर अपने संबोधन में 'फ्री' या मुफ्त ना कहें, दिल जलता है (भाग 1)
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