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माननीय प्रधानमंत्री, कृपया कर अपने संबोधन में 'फ्री' या मुफ्त ना कहें,  दिल जलता है (भाग 1)

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माननीय प्रधानमंत्री, कृपया कर अपने संबोधन में 'फ्री' या मुफ्त ना कहें,  दिल जलता है (भाग 1)
नई दिल्ली |  देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश के लोगों को राहत भरी खबर दी थी. पीएम ने एलान किया कि अब देश के 18 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले लोगों की वैक्सीन की जिम्मेवारी भी केंद्र सरकार ने ले ली है. देश के लोगों के साथ ही लगभग सभी राज्यों की सरकार ने पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद निश्चय ही राहत की सांस ली होगी. लेकिन पीएम के संबोधन के दौरान कई बार फ्री(मुफ्त) शब्द का प्रयोग किया था. पीएम के इस संबोधन में 5 से ज्यादा बार इस शब्द का प्रयोग किया था. लेकिन पहले तो ये सोचें कि क्या वैक्सीन के लिए फ्री शब्द का प्रयोग करना सही है इसकी जगह पीएम निशुल्क शब्द का भी प्रयोग कर सकते थे. हालांकि इस शब्द में कोई खराबी नहीं है. लेकिन कहीं ना कहीं देश के कई लोग इस बात से इत्तेफाक रखेंगे कि ये शब्द फ्री ( मुफ्त) उनके आत्मविश्वास को ठेस पहुंचाता है. अब सवाल ये उठता है कि क्या सच में देश के लोगों को फ्री कोरोना की वैक्सीन मिल रही है.

किसके पैसे से सरकार देगी वैक्सीन

ये तो सब जानते हैं कि केंद्र की सरकार हो या राज्यों की सरकारें उनके पास ज्यादा पैसे होते हैं वो आम लोगों के ही होता हैं. देश की जनता जो टैक्स जमा करती हैं उससे ही हमारी सरकार हमारा भरण-पोषण करती है. कई लोगों को लगता है कि हम तो लोअर मीडिल क्लास में आते हैं और हम तो टैक्स भी नहीं देते हैं तो फिर सरकार के पास जो पैसे हैं वो हमारे तो नहीं है. लेकिन ये सोच पूरी तरह से गलत है. क्यों कि देश का हर इंसान टैक्स देता है. एक 2 रूपये की चॉकलेट से लेकर जब आप फोन का रिचार्ज भी करवाते हैं तो आप सरकार को टैक्स देते हैं, हां ये और बात है कि अपर क्लास सामान्य लोगों से ज्यादा टैक्स जमा करता है. पहले इनकम , सेल टैक्स और वैट के रूप में और अब जीएसटी के रूप में. इसे भी पढें-रात को पति के लिए खुला छोड़ा दरवाजा लेकिन आ गया रेपिस्ट, फिर जो हुआ…

पेट्रोल डीजल की कीमतें छू रही हैं आसमान, पैसे तो आते होंगे ना हुजूर

देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही है. देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 पार हो चुके हैं. अभी भी पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा था कि पेट्रोल डीजल की कीमत के कम होने के अभी कोई आसार नहीं हैं. उन्होंने इसके कारण पूछे जाने पर कहा था कि अभी सरकार की आमदनी काफी कम हो गई है, दूसरी और सरकार का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा था कि केंद्र की सरकार फिलहाल हेल्थ सेक्टर पर काम करना चाहती है. आंकड़ों पर बात करें तो आपको बता दें कि वर्ष 2020-21 में मोदी सरकार ने आपसे 2,86,557 करोड़ रुपये कर (टैक्स) लिया है.

पूरी खबर जानने के लिए अगले अंक में प्रकाशित भाग-2 भी पढें

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