लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वयोवृद्ध नेता कल्याण सिंह ने आज कहा कि वह बेगुनाह हैं और उन्होने उस समय मुख्यमंत्री पद के दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन किया लेकिन केन्द्र की तत्कालीन सरकार ने उन्हे इस मामले में आरोपी बना दिया।
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह और धर्म सेना अध्यक्ष संतोष दुबे आज यहां केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में उपस्थित हुये और अपने बयान दर्ज कराये।
बयान दर्ज करा कर बाहर निकले सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये कहा कि ढांचे की सुरक्षा चाकचौबंद की गयी थी। इसके लिये त्रिस्तरीय सुरक्षा इंतजाम किये गये थे। तमाम अधिकारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिये सजग थे। कुल मिलाकर उस समय की सरकार ने कोई लापरवाही अपनी ओर से कोई लापरवाही नहीं की थी।
उन्होने कहा मुख्यमंत्री होने के नाते मैने अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन किया। हालांकि कांग्रेस की तत्कालीन केंद्र सरकार ने उन्हे राजनीतिक विद्वेष के चलते फंसा दिया। उधर,धर्म सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष दुबे ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण उनकी दिली तमन्ना है और इस पुनीत कार्य के लिये वह हमेशा काम करते रहेंगे। हालांकि विवादित ढांचा ढहाने में उनका हाथ नहीं है।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वयोवृद्ध नेता कल्याण सिंह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोपहर करीब एक बजे सीबीआई कोर्ट पहुंचे और अपने करीबियों का हाथ पकड़ कर न्यायालय परिसर में दाखिल हो गये। अदालत परिसर में पत्रकारों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होने कोई जवाब नहीं दिया।