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अमेरिका के आरोप, इमरान का जवाब

ByNI Desk,
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अमेरिका के आरोप, इमरान का जवाब
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान का सहयोगी होने के आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने अमेरिका पर हमला करते हुए कहा है कि उनके देश ने अमेरिका का साथ देने की बड़ी कीमत चुकाई है। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में हुई अमेरिका की हार के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना सही नहीं है। गौरतलब है कि अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति ने पाकिस्तान को तालिबान की मदद करने का दोषी माना है। Imran khan target america इसका जवाब देते हुए इमरान ने कहा- पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अमेरिका का साथ देने की भारी कीमत चुकाई है। रूसी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के मामले में अमेरिका की विफलता के लिए बेवजह पाकिस्तान पर उंगली उठाई जा रही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों अमेरिकी सीनेट में विदेशी मामलों की समिति में सीधे तौर पर पाकिस्तान को तालिबान की मदद करने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। अमेरिकी सांसदों ने पाक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। joe biden Read also पाकिस्तान के दोस्त का खुलकर करूंगा विरोध, कैप्टन अमरिंदर बोलें- एक मंत्रालय तो चला नहीं सके, राज्य क्या चलाएंगे ‘सिद्धू’ इसका जवाब देते हुए इमरान खान ने कहा- एक पाकिस्तानी होने के नाते, उन सीनेटरों द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों से मुझे बहुत दुख हुआ। अफगानिस्तान में इस पराजय के लिए पाकिस्तान को दोष देना हमारे लिए सुनने के लिए सबसे दर्दनाक बात है। गौरतलब है कि जब अमेरिका में 9/11 का आतंकी हमला हुआ था तब पाकिस्तान की स्थिति खराब थी। जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैन्य तख्तापलट करके सत्ता हासिल की थी। वे तभी राष्ट्रपति बने थे और अपनी सरकार के लिए अमेरिका से सहायता की मांग कर रहे थे। इमरान खान का मानना है कि उस समय अफगानिस्तान पर हमले में अमेरिका का साथ देना गलत फैसला था क्योंकि इसने मुजाहिदीन ताकतों को अलग-थलग कर दिया। इमरान खान ने माना कि मुजाहिदीन को पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने दो दशक पहले अफगानिस्तान में अमेरिका के सोवियत विरोधी अभियान के हिस्से के रूप में तैयार किया था। इमरान ने कहा- हमने उन्हें विदेशी हमले के खिलाफ लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया था। यह एक पवित्र युद्ध था, एक जिहाद था। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी हमले में पाकिस्तान के साझीदार बनने से ये ताकतें अलग-थलग हो गईं। गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने पिछले महीने अफगानिस्तान से वापसी और लोगों को बचाने और भविष्य की तालिबान सरकार से निपटने के प्रयासों के बारे में अमेरिकी सांसदों के सवालों का जवाब दिया था। पार्टी लाइन से हट कर सांसदों ने पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान में उसकी भूमिका के लिए और सख्त कार्रवाई की मांग की।
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