लाहौर। यह पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान के किसी नेता ने सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ मोर्चा खोला है। लाहौर से इस्लामाबाद मार्च कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना पर निशाना साधते हुए है कि वे एक आजाद पाकिस्तान देखना चाहते हैं और इसके लिए जरूरी है फौज मजबूत हो। आईएसआई प्रमुख को चुनौती देते हुए इमरान ने कहा कि वे बहुत कुछ जानते हैं लेकिन मुल्क की बेहतरी के लिए मुंह बंद किए हुए हैं। इसके बाद पहली बार ऐसा हुआ कि आईएसआई प्रमुख को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी।
वैसे तो इमरान खान ने मौजूदा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल है लेकिन उन्होंने सेना और आईएसआई को भी निशाना बनाया है। इमरान की अगुआई में ‘हकीकी आजादी मार्च’ शुक्रवार को लाहौर से इस्लामाबाद के लिए रवाना हुआ। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार पर निशाना साधते हुए भारत की विदेश नीति की तारीफ की। इमरान ने कहा- भारत अपनी इच्छा से रूस से तेल खरीदता है, हालांकि पाकिस्तानी गुलाम हैं जो अपने देश के लोगों की भलाई के फैसले नहीं ले पाए। इस देश के फैसले देश के अंदर होने चाहिए। भारत, रूस से तेल ले सकता है लेकिन गुलाम पाकिस्तानियों को इसकी इजाजत नहीं है।
इमरान ने आगे कहा- मैं वो पाकिस्तान देखना चाहता हूं जो आजाद हो। लेकिन इसके लिए हमें ताकतवर फौज चाहिए। अगर फौज कमजोर है तो मुल्क की आजादी चली जाती है। मैं अपने मुल्क को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता। मैं एक आजाद मुल्क देखना चाहता हूं। आईएसआई पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- डीजी आईएसआई अपने कान खोलकर सुन लें, मैं बहुत कुछ जानता हूं। लेकिन, मैं केवल इसलिए चुप हूं क्योंकि मैं अपने देश और उसकी जनता को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता। मैं मुल्क की बेहतरी के लिए चुप हूं, वरना मैं बहुत कुछ कह सकता था।
इमरान के हमले के बाद फौज के मीडिया विंग के प्रभारी लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार और आईएसआई चीफ नदीम अंजुम ने प्रेस कांफ्रेंस की। आईएसआई चीफ ने कहा- इमरान खान रात के अंधेरे में आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से मिलने आते हैं। अगले दिन उन्हें मुल्क का गद्दार बताते हैं। ऐसा क्यों है। उन्होंने यह भी कहा कि इमरान फौज से गलत काम कराना चाहते थे।