नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पहले चरण का उद्घाटन किया। मोदी ने राजस्थान के दौसा में इस पहले चरण का उद्घाटन किया। इस चरण के पूरा होने से दिल्ली से जयपुर तक की यात्रा साढ़े तीन घंटे में पूरी होगी। एक्सप्रेस वे काम पूरा हो जाने के बाद दिल्ली से मुंबई का रास्ता 12 से 13 घंटे का रह जाएगा, जो अभी 24 घंटे से ज्यादा का है। यह बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना करीब 98 हजार करोड़ रुपए की है। इसके उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
पहले चरण का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पहले सीमा पर सड़क बनाने से डरती थी। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण में हुई गड़बड़ी की ओर इशारा करके कांग्रेस पर हमला किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस के पास न विजन है और न ही उसकी बातों में कोई वजन है। मोदी ने कहा कि राजस्थान को अब ऐसी अस्थिर सरकार व अनिश्चितता से मुक्ति चाहिए तभी राजस्थान में कानून का राज स्थापित हो पाएगा और यह तेज विकास के रास्ते पर चल पाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दौसा के धनावड़ में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले चरण का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा- कांग्रेस के लिए बजट और घोषणाएं होती ही कागजों में लिखने के लिए हैं। योजनाओं और कार्यक्रमों को जमीन पर लागू करने का कांग्रेस का कोई इरादा नहीं होता। उन्होंने गहलोत का नाम लिए बिना कहा- सवाल यह नहीं है कि कौन सा वाला पढ़ा.. सवाल यह है कि पहले वाला जब पढ़ा था.. साल भर उसको डिब्बे में बंद रखा था.. इसके कारण यह हुआ है.. अब राजस्थान को अस्थिर सरकार से मुक्ति चाहिए.. अनिश्चितता से मुक्ति चाहिए।
मोदी ने कहा- आज मैं राजस्थान में डबल इंजन सरकार के लिए उत्साह देख रहा हूं.. चारों तरफ वो ही मुझे नजर आ रहा है। यहां दौसा में भी यह उत्साह साफ साफ दिख रहा है। उन्होंने कहा-अगर बीते पांच साल में राजस्थान में डबल इंजन की पावर लगी होती तो यहां का विकास कितना तेज हो जाता। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा- कांग्रेस की सरकारें सीमा से जुड़े गांवों और शहरों का इसलिए विकास नहीं करती थीं क्योंकि वो डरती थीं कि दुश्मन हमारी ही बनाई सड़कों से चलकर देश के भीतर आ जाएगा। उन्होंने कहा- सीमा पर दुश्मनों को रोक देना, उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना, हमारी सेनाओं को बखूबी आता है।