नई दिल्ली। तीन दिन के सर्वे के बाद आयकर विभाग ने दावा किया है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन यानी बीबीसी ने टैक्स से जुड़ी कई गड़बड़ियां की हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, सीबीडीटी की ओर से कहा गया है कि आयकर की टीम ने ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े दस्तावेजों में कई गड़बड़ियां पकड़ी हैं। सीबीडीटी ने कहा है कि इस समूह की कई संस्थाओं की आय और मुनाफे का जो ब्योरा दिखा है वह भारत में उसके कामकाज के विस्तार को देखते हुए सही नहीं लग रहा है।
बहरहाल, आयकर विभाग ने दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालय पर इनकम टैक्स एक्ट 133ए के तहत सर्वे किया था। सर्वे के दौरान पता चला है कि बीबीसी समूह के द्वारा आय कम दिखा कर टैक्स बचाने की कोशिश की गई है। आयकर विभाग की ओर से कहा गया है कि सर्वे के दौरान विभाग ने संगठन के संचालन से जुड़े जो सबूत इकट्ठा किए। उनसे साफ पता चलता है कि बीबीसी की विदेशी इकाइयों के जरिए हुए लाभ के कई स्रोत थे, जिन पर भारत में देय टैक्स नहीं चुकाया गया।
गौरतलब है कि बीबीसी के पीएम मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित किए जाने के कुछ दिन के बाद ही आयकर विभाग का सर्वे हुआ। इसे लेकर विभाग की ओर से बताया गया है क बीबीसी की विभिन्न इकाइयों द्वारा घोषित आय और मुनाफा भारत में संचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं थे। बीबीसी ने अभी तक आरोपों का जवाब नहीं दिया है। आयकर विभाग ने कहा है कि विदेशों और देश मे मौजूद कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिनकी पेमेंट भारतीय यूनिट द्वारा की गई, लेकिन उस पर भी टैक्स नहीं चुकाया गया।
बहरहाल, आयकर की टीम ने मंगलवार सुबह साढ़े 11 बजे बीबीसी के दफ्तरों में सर्वे शुरू किया था, जो गुरुवार देर रात खत्म हुआ। आईटी की टीम देर रात 11 बजे बीबीसी के दफ्तरों से बाहर निकली। इसके बाद बीबीसी के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा- आयकर विभाग के अधिकारी हमारे दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों से जा चुके हैं। हम आईटी की टीम का सहयोग करते रहेंगे। उम्मीद है कि मामला जल्दी ही सुलझ जाएगा। बयान में कहा गया- हम अपने कर्मचारियों का पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं। उनका ध्यान भी रख रहे हैं। खासतौर पर उन लोगों ने जिनसे बहुत लंबी पूछताछ की गई है, कई लोगों को तो पूरी रात दफ्तर में रुकना पड़ा है। ऐसे कर्मचारियों का ख्याल रखना हमारी प्राथमिकता है।